दिमाग को बॉडी का प्रमुख कहा जाता है। यह शरीर के बाहरी और अंदरुनी सारे काम कंट्रोल करता है। अगर इसमें कोई भी खराबी आ जाए तो शरीर में भी खराबी आने लगती है। मेनिनजाइटिस भी दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी समस्या है। इसके अंदर दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड के आसपास के meninges मेंब्रेन में इंफ्लामेशन आ जाती है।
इसमें मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है वरना शरीर कई काम करने बंद कर सकता है। यह बीमारी काफी खतरनाक है, इस कारण वर्ल्ड मेनिनजाइटिस डे की तारीख 24 अप्रैल से 5 अक्टूबर बदल दी गई। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सकें।
3 इंफेक्शन से होता है मेनिनजाइटिस
मेनिनजाइटिस होने के पीछे इंफेक्शन होते हैं। यह वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है। NHS के मुताबिक वायरल इंफेक्शन सबसे ज्यादा मेनिनजाइटिस के लिए जिम्मेदार देखा गया है। हालांकि दूसरे इंफेक्शन ज्यादा खतरनाक रूप ले सकते हैं।
मेनिनजाइटिस के लक्षण
इसके लक्षण कारण पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ आम संकेत निम्नलिखित हैं, जो किसी और बीमारी के कारण भी हो सकते हैं।
भूख मरना
चिड़चिड़ापन
उल्टी
डायरिया
सांस की दिक्कत
सिरदर्द
बुखार
गर्दन में अकड़न
लाइट से सेंसिटिविटी
ज्यादा नींद आना
बच्चों में मेनिनजाइटिस
यह इंफ्लामेशन छोटे बच्चों को भी हो सकती है। उनके अंदर निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं।
बुखार
शरीर में अकड़न
तेज रोना
बच्चा शांत ना होना
ज्यादा सोना
चल ना पाना
चिड़चिड़ापन
फैल भी सकता है मेनिनजाइटिस
मेनिनजाइटिस संक्रामक भी हो सकता है। इसके कुछ प्रकार एक मरीज से दूसरे मरीज तक फैल सकते हैं। NHS कहता है कि मरीज के खांसने, छींकने या चुंबन लेने से यह स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित बना सकता है। इंफेक्शन फैलाने वाले मरीजों में यह वायरस या बैक्टीरिया अक्सर गले या नाक में मौजूद रहता है।
शरीर ये काम कर देता है बंद
मेनिनजाइटिस के कारण शरीर को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। अगर इसका इलाज ना किया जाए तो सुनने की क्षमता, याददाश्त, देखने की क्षमता कम हो जाती है। इसकी वजह से दौरा पड़ना, माइग्रेन, ब्रेन डैमेज, सबड्यूरल एम्पायमा, हाइड्रोसेफालस भी हो सकता है।