भोपाल
देश के कई राज्यों में धूमधाम से छठ महापर्व मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में भी त्योहार की धूम है। भोपाल में रहने वाले पूर्वांचलियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए 50 से ज्यादा घाटों का निर्माण किया गया है। जहां श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। छठ के तीसरे दिन व्रती अस्तालगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं। व्रतधारी भगवान को जल या दूध से अर्घ्य देते हैं और फल अर्पित करते हैं।
अर्घ्य का क्या टाइम
छठ के तीसरे दिन व्रतधारी घाट या तालाब में जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। मध्य प्रदेश में शाम को 5.39 बजे सूर्य अस्त होगा। इसी समय सूर्य भगवाम को श्रद्धालु जल अर्पित करेंगे।
क्यों मनाया जाता है छठ
ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले माता सीता ने बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर छठ पूजन किया था। तभी से बिहार में इसकी शुरुआत हुई। माता सीता जब श्री रामचंद्र के साथ वनवास पर गई थीं, कब उन्होंने मुंगेर में छठ पर्व मनाया था। आज के समय में बिहार के अलावा कई राज्यों और यहां तक की विदेश में भी यह त्योहार मनाया जाता है। पांच नवंबर को नहाय खाय से शुरू हुए पर्व के दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन अस्तालगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त हो जाता है।
मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोगों को छठ पूजा की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जय हो छठी मैया… लोक आस्था एवं सूर्य उपासना के महापर्व 'छठ पूजा' के द्वितीय दिन 'खरना' की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। छठी मैया आप सभी के जीवन में आरोग्य, सुख-समृद्धि एवं प्रगति प्रदान करें, यही कामना करता हूं।'