डेटिंग की दुनिया पहले से काफी बदल गयी है। इसमें अब पहले जैसा रोमांचक कुछ भी नहीं रह गया है। आए दिन इसकी शब्दावली में कोई न कोई नया शब्द जुड़ जाता है। जो दिल की भावनाओं से कम और शरीर की आवश्यकताओं से ज्यादा जुड़ा होता है। यदि आप हॉलीवुड मूवी देखते हैं, तो फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स, नो स्ट्रिंग अटैच, वन नाइट स्टैंड जैसे कई टर्म्स से आप वाकिफ होंगे। ऐसा ही एक नया टर्म '
सिचुएशनशिप', जो आज कल बहुत ट्रेंड में है। जेन-जेड और मिलेनियल्स यानी नई जनरेशन इसे काफी पसंद भी कर रही है।
ऐसे में हमने लाइफ कोच, शीतल शपरिया से बात की और डेटिंग के इस नए तरीके 'सिचुएशनशिप' को डिटेल में जानने की कोशिश की। एक्सपर्ट ने यह भी बताया की यह डेटिंग सेटअप फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स के सामान होते हुए भी अलग कैसे हैं? और इसमें रहने वालों को क्या नुकसान और फायदे होते हैं। चलिए जानते हैं-
क्या है सिचुएशनशिप
एक्सपर्ट बताती हैं कि 'सिचुएशनशिप' शब्द 'सिचुएशन' और 'रिलेशनशिप' से मिलकर बना है। इसमें शामिल दो लोग बिना रिश्ते के जिम्मेदारी बस रोमांस के लिए एक-दूसरे के साथ होते हैं। इस तरह के रिश्तों में, इंटिमेसी का लेवल, एक साथ बिताया गया समय, सभी अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है।
सिचुएशनशिप में कुछ भी परिभाषित नहीं है, यहां सब कुछ सिचुएशन पर डिपेंड करता है। इसके दो लोग केवल एक-दूसरे के साथ लव रिलेशनशिप के फायदों को शेयर करने के लिए साथ होते हैं। इसमें अलग होना बहुत आसान है। बिना किसी एक्सप्लेनेशन के आप अपने पार्टनर को छोड़ सकते हैं।
Gen Z को क्यों पसंद है ये डेटिंग सेटअप
नए दौर के लोग किसी भी शर्त पर अपनी आजादी से समझौता नहीं करना चाहते हैं। उनके लिए जिंदगी के मायने कम या ज्यादा रूप से मूवी और सोशल मीडिया से प्रेरित होते है। ऐसे में वह रिश्तों की जिम्मेदारियों से भी बचते हैं। इसलिए वह सिचुएशनशिप के सेटअप से काफी आकर्षित होते है।
कई बार कुछ लोग अपने पुराने रिलेशनशिप में मिले धोखे या असफलता के वजह से भी इस तरह के रिलेशनशिप को पसंद करने लगते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने लाइफ के गोल्स से भटके बिना रिलेशनशिप के फायदों को इंजॉय करने के लिए इसमें आ जाते हैं।
फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स और सिचुएशनशिप में अंतर
हर फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स सेटअप एक सिचुएशनशिप है, लेकिन हर सिचुएशनशिप फ्रेंड्स विथ बेनिफिट्स नहीं है। क्योंकि सिचुएशनशिप किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ हो सकता है। जबकि फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स हमेशा दो दोस्तों के बीच होने वाले फिजिकल इंटीमेसी से जुड़ा होता है।
सिचुएशनशिप के नुकसान
साथ रहने का प्रेशर और जिम्मेदारियों के बोझ से दूर सिचुएशनशिप एक बहुत सुखद स्थिति लग सकता है। लेकिन यह बहुत कठिन रास्ता होता है, जिस पर अगर सावधानी से न चला जाए तो जख्मी होने का खतरा होता है।
ये डेटिंग सेटअप उस समय श्राप बन जाता है, जब इसमें शामिल दो लोगों में से किसी एक की भावनाएं गंभीर होने लगे, और वह अपने आपसे कमिटमेंट चाहने लगे। या किसी व्यक्ति को इस सेटअप के नियमों के बारे में पहले पता न हो। ऐसे में गलतफहमी के साथ इमोशनल डैमेज होने का जोखिम होता है।
ऐसे पता करें आप सिचुएशनशिप में हैं
फ्रेंडशिप से ज्यादा रिलेशनशिप से कम
किसी को अपने रिश्ते के बारे में न बताना
सोशल गैदरिंग में साथ न जाना
कमिटमेंट न करना
पार्टनर के अलावा किसी दूसरे के बारे में सोचना
इमोशन कनेक्शन की कमी
रिश्ते के फ्यूचर के बारे में बात न करना
रिलेशन में होने के बावजूद किसी दूसरे के साथ डेट पर जाना