धर्म

गणेश उत्सव 19 सितंबर से शुरू हो रहा , दूर्वा चढ़ाते समय जरूर बोले ये मंत्र

गणेश चतुर्थी देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है, खासतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में। इस अवसर पर भगवान गणेश की मूर्तियों को घरों में स्थापित किया जाता है। पूजा के बाद भोग के रुप में मोदक, लड्डू अर्पित किए जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान भक्तगण गणेश पूजा के लिए धार्मिक गीत, भजन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

10 दिन बाद किया जाता है विसर्जन

गणेश चतुर्थी के 10 दिनों के अवसर पर सामाजिक समरसता और साज-संगता की भावना भी प्रमुख होती है। इसके अंत में गणेश विसर्जन के दिन, गणेश की मूर्तियों को धीरे-धीरे समुद्र या अन्य जल स्रोत में अद्वितीय प्रक्रिया के साथ विसर्जित किया जाता है। इस साल गणेश उत्सव का शुभारंभ 19 सितंबर 2023 को हो रहा है और यह 10 दिन तक चलेगा, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 28 सितंबर 2023 को होगा।

दूर्वा का करें उपयोग

दूर्वा भगवान गणेश की पूजा में खास रूप से प्रयोग होने वाला एक प्राकृतिक घास है, जिसे गर्मियों में प्राचीन भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व दिया जाता है। दूर्वा को गणेश के पूजा-अर्चना में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और गणेश भगवान को समर्पित किया जाता है। यह किसी भी मांगलिक कार्य को सम्पन्न करने के लिए किया जाता है। दूर्वा का ख़ास आह्वान गणेश के पूजा-अर्चना में होता है क्योंकि इसे गणेश के पसंदीदा पौधे में माना जाता है।

इस मंत्र का करें जाप

भगवान गणेश की पूजा में 21 दूर्वा चढ़ाने का महत्वपूर्ण अर्थ होता है। यह आराधक के जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए माना जाता है। गणपति को “विघ्नहर्ता” भी कहा जाता है और उनकी पूजा समस्त अशुभ गण को दूर करते है। हिन्दू संस्कृति में देवी-देवताओं की पूजा में विभिन्न प्रकार से उपयोग किए जाते हैं। गणेश भगवान की पूजा के समय उन्हें दूर्वा अर्तिप करते हुए ‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि’ मंत्र (Durva Mantra) का जाप करें।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button