- राहत शिविरों के माध्यम से नागरिकों को हुई राहत
- बिजली, सड़क और तालाबों तथा क्षति नुकसान का हो रहा है सर्वे
- रात 1 बजे सीएम ने जिले ली जानकारी
खरगोन
पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद नदी नाले सभी उफान पर रहें। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा लगातार व्यवस्थाएं और सुविधाएं समय पर जुटाई गई। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने लगातार स्थितियों पर नजरें जमाये रखी। रविवार रात 1 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह वर्मा ने जिले के हालातों की जानकारी लेकर प्रशासन के कार्याे की सराहना करते हुए सजग और सक्रिय रहने के निर्देश दिए। वीसी के दौरान कलेक्टर वर्मा ने 45 राहत शिविर प्रारंभ कर व्यवस्थाओं की जानकारी दी। साथ ही इन राहत शिविरों में करीब 2000 हजार नागरिकों को शिफ्ट करने की जानकारी दी गई। रविवार को सुबह से बारिश बन्द होने के बाद खनिज, जनपद, स्वास्थ्य, फ़ूड, एमपीईबी, पीडब्ल्यूडी और जलसंसाधन विभागों को अपने-अपने कार्य प्रारम्भ कर व्यवस्थाएं पुनः सामान्य करने के निर्देशों के बाद स्थिति सामान्य होती जा रही है। साथ ही राजस्व विभाग ने भी जान माल और मकानों को हुई क्षति का सर्वे कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
जामगेट से मलबा हटाया आवागमन योग्य हुआ मार्ग
पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री विजय सिंह पंवार ने बताया कि लैंड स्लाइड के कारण शनिवार को मंडलेश्वर-इंदौर मार्ग जामगेट के क्षेत्र में लेंड स्लाइड के बाद सड़क पर आवागमन बन्द हो गया था। रविवार सुबह से विभाग द्वारा मार्ग से मलबा हटाया गया। साथ ही चोली गांव के पास क्षतिग्रस्त हुई सड़क के लिए टोल गेट के पास से मार्ग को डायवर्ड किया गया। अब मेहतवाड़ा की ओर से आवागमन योग्य हो गया है। एमपीआरडीसी के प्रबंधक डीएन मुवेल ने बताया कि जामगेट के लिए श्रीनगर से टोलगेट तक डायवर्ड करने के बाद आवागमन योग्य है। जबकि बड़वाह-धामनोद व सनावद-खरगोन मार्ग भी बाधित होने के बाद प्रारम्भ हो गया।
123 ग्रीड में से 6 पर बाधित है सेवा
एमपीईबी के अधीक्षण यंत्री वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया अतिवृष्टि से बिजली बाधित हुई है। भारी बारिश और तेज हवा से करीब एलटी लाइन के 200 पोल की टूटफूट हुई है। जिसमें 150 खड़े किए गए। जिले के 123 ग्रीड में से 6 ग्रीड पर अभी भी लगातार कार्य चल रहा है। एमपीईबी विभाग द्वारा बताया गया कि रात 10 बजे तक लाइट प्रारम्भ हो सकती है। इस कार्य मे 45 वितरण केंद्रों व 10 सब डिवीजन का पूरा अमला इस कार्य में लगा है। नदी किनारे के 15 से 16 ट्रांसफार्मर बह गए है। इनकी भी सर्चिंग जारी है।
सर्वे का कार्य भी तेजी से प्रारम्भ
कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने भारी बारिश के बाद जान माल की नुकसानी के सर्वे के कार्य के निर्देश अनुविभागीय अधिकारियों को दिए है।
प्रारम्भिक सर्वे में मकानों की क्षति के साथ फसलों को हुआ नुकसान
कलेक्टर वर्मा ने राजस्व और पंचायत विभाग को बारिश खुलने के बाद तुरंत सर्वे का कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए है। सेगांव में आंशिक रूप से 10 मकानों को क्षति हुई है। जबकि खरगोन शहरी में 43 मकानों को आंशिक, झिरन्या में 16 मकान 6 पशु घायल, 1 की मृत्यु, 39 मकान आंशिक रूप से, 3 पूर्ण, 6 बकरियों की मृत्यु, गोगांवा में 1 पशु की मृत्यु और 39 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। बाकी तहसीलों पर अभी सर्वे कार्य निरंतर जारी है। यह सर्वे प्रारम्भिक तौर पर है। बलगांव गौशाला से 250 पशुओं को रेस्क्यू किया गया। कलेक्टर वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना के आधार पर बलगांव गौशाला के पशुओं के रेस्क्यू के लिए पशु चिकित्सा विभाग के अमले को भेजा गया था। पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां से 250 पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
पिछले 48 घण्टे में जिले में कुल 11 इंच औषत वर्षा
भू-अभिलेख कार्यालय के अनुसार पिछले 48 घण्टे में जिले की महेश्वर तहसील में सबसे अधिक 434 एमएम यानी 17 इंच वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा जिले की कसरावद तहसील में 343 एमएम, भीकनगांव में 335 एमएम, बड़वाह में 327 एमएम, गोगांवा में 291 एमएम, सनावद में 290 एमएम, खरगोन में 245 एमएम, सेगांव में 216 एमएम, झिरन्या में 161 एमएम तथा भगवानपुरा तहसील में 159 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। इस तरह पिछले 48 घण्टे में जिले में कुल 279.9 एमएम यानी 11 इंच औषत वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।