गुना
मध्य प्रदेश में वन विभाग की टीम को नेशनल हाइवे-46 पर एक तेंदुए का शव मिला है. रविवार शाम बीजेपी नेता से सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने तेंदुए के शव को बरामद किया है. तेंदुए की मौत के पीछे के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है. पोस्टमॉर्टम के बाद ही तेंदुए की मौत की वजह का कारण पता चलेगा.
वन विभाग के अधिकारी अक्षय राठौर ने बताया कि फिलहाल तेंदुए की मौत के कारणों के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता. पोस्टमार्टम मंगलवार को हो पाएगा, जिसके बाद मौत की वजह के बारे में जानकारी मिलेगी.
रेंजर सौरभ द्विवेदी ने बताया कि तेंदुए के अवशेषों को प्रिजर्व कर लिया गया है. पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह पता चल पाएगी.
सड़क पर मृत पड़ा तेंदुआ.
बता दें कि गुना जिले में जंगली इलाकों में तेंदुए पाए जाते हैं. तेंदुओं का मूवमेंट ग्रामीण क्षेत्रों में भी बना रहता है. अक्सर तेंदुए भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों में भी पहुंचते हैं. फिलहाल वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शव को सुरक्षित रख लिया है. जल्द ही पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए की मौत के कारण का पता लगाया जाएगा.
इससे एक दिन पहले उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर रेंज में 3 साल की बाघिन का शव मिला था. आशंका जताई गई कि करीब पांच दिन पहले बाघिन की मौत हुई होगी. वन विभाग ने देखा कि बाघिन के सिर और पंजे का हिस्सा गलकर पानी के बहाव में बह चुका था. डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम भी किया.
पीएम रिपोर्ट में बाघिन को करंट या जहर देने की पुष्टि नहीं हुई. हालांकि, गर्दन की हड्डी फ्रैक्चर थी. आशंका जताई गई कि पटेहरा गांव के छुहहाई नाले के पास लड़ाई के दौरान बाघ ने गर्दन में दबोचकर बाघिन को मौत के घाट उतारा हो. बाघिन के शव से जुड़े नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं और बचे हिस्से को आग में जला दिया गया.