गुवाहाटी
सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई जिससे सेना के 23 जवान बह गए और उनका शिविर व वाहन डूब गए। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अचानक बाढ़ आने और एक बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गयी। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आए हैं तथा नुकसान के संबंध में अभी और जानकारी नहीं मिली है।
उन्होंने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। अधिकारियों के मुताबिक, इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए। उन्होंने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में डूबे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, तलाश एवं बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने कहा कि तीस्ता नदी में जल स्तर अचानक बढ़ने के बाद मंगलवार देर रात उत्तरी सिक्किम में कम से कम छह पुल बह गए। उन्होंने यह भी कहा कि तीस्ता नदी में जलस्तर अचानक बढ़ने की खबर मिलते ही अलर्ट जारी कर दिया गया और नदी के किनारे निचले इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया गया।
गंगटोक में भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, "जब किसी छोटे क्षेत्र में लगभग एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश होती है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है।" अधिकारियों ने कहा कि वे यह भी सत्यापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह बादल फटना था या पहाड़ों के ऊपरी हिस्से में हिमनद झील का फटना था, जिसके कारण नदी में जल स्तर अचानक बढ़ गया।''
ममता ने जताई चिंता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के बाद 23 सैनिकों के लापता होने की खबर पर बुधवार को चिंता जताई और अपनी सरकार की ओर से हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। ममता ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ''सिक्किम में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में 23 जवानों के लापता होने की खबरों से बहुत चिंतित हूं। इस मामले पर एकजुटता व्यक्त करते हुए सिक्किम की ओर से कोई मदद मांगे जाने पर हरसंभव सहायता देने का वादा करती हूं।'' उन्होंने कहा, ''मैं उत्तर बंगाल में सभी संबंधित पक्षों से आपदाओं केा रोकने के लिए वर्तमान मौसम परिस्थिति पर नजर बनाए रखने का भी अनुरोध करती हूं। मैंने अपने मुख्य सचिव को यथाशीघ्र आपदा प्रबंधन तैयारी संबंधी उपायों के साथ समन्वय करने को कहा है।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रशासन ने पिछले कुछ दिन में भरी बारिश के बाद पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग, दार्जीलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ''कलिम्पोंग, दार्जीलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान पर नजर रखने के लिए उत्तर बंगाल भेजा गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी नजर रखी जा रही है कि इस गंभीर आपदा में किसी की जान न जाए।''