छत्तीसगढ़

कोर्ट के फैसले से सरकार आई कटघरे में : डा. रमन

रायपुर

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा पीएससी के मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने सूबे के मुखिया और कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सरकार अपराधी चला रहे है। इसी के साथ उच्च न्यायालय ने मेरे और संबित पात्रा के विरुद्ध सरकार द्वारा दायर याचिका को भी खारिज कर दिया जिससे यह साबित होता है कि उनकी मानसिकता और सोच प्रकट होती है। उच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद अपने निवास स्थान पर दोपहर को आयोजित पत्रकारवार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने ये बातें पत्रकारों से कहीं। संसद में महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल मिल का पत्थर साबित होगा और नारी शक्ति को उन्होंने बधाई दी।

डा. रमन सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शासकीय अफसर या तो सलाखों के पीछे है या फिर न्यायालय से जमानत के राहम पर बाहर है। शराब से लेकर कोयले तक सरकार भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दरअसल बात शुरू होती है मेरे सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट को लेकर। वह जो पोस्ट था, उसमें मैंने कोरोना संकट के समय कांग्रेस की राजनीति पर पोस्ट किया था कि कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है  विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुम्भ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है।

कांग्रेस महामारी के साथ लड?े के  बजाए लोगों को आपस में लड़ा रही है। विदेशी मीडिया में मोदी सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र कांग्रेस ने किया था, उसे एक्सपोज करने का काम मैंने किया था। हमारे साथी संबित पात्रा और मेरे खिलाफ कांग्रेस के लोगों ने एफआईआर की। यह उनकी मानसिकता है। उनके काले कारनामे के खिलाफ कोई कुछ भी बोले तो एफआईआर दर्ज करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का प्रयास करते हैं। यह सारे मामले जब न्यायालय तक पहुंचाते हैं तो क्या हश्र होता है? एक बार फिर कांग्रेस के काले कारनामे के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। न्यायालय ने फर्जी एफआईआर को निरस्त कर दिया। यह बहुत महत्वपूर्ण फैसला है। यह एक सबक है। कोई सरकार सत्ता का किस प्रकार दुरुपयोग करने के लिए विरोधियों को दबाने का षड्यंत्र करती है, इसका इससे बड़ा उदाहरण कोई और नहीं होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दूसरा फैसला पीएससी के मामले में है। हाई कोर्ट ने न केवल कांग्रेस सरकार को फटकार लगाई बल्कि पीएससी अध्यक्ष के रिश्तेदारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। पीएससी पारदर्शी प्रक्रिया में असफल रही है। छत्तीसगढ़ के लाखों युवाओं के भविष्य की बात है। आज स्पष्ट रूप से न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की। सरकार ने भ्रष्टाचार में पीएससी को भी नहीं छोड़ा। पैसों से पैसों का लेनदेन किया गया। अधिकारियों का षड्यंत्र रहा। आश्चर्य होता है कि पीएससी अध्यक्ष के कई सारे रिश्तेदार का चयन डिप्टी कलेक्टर डीएसपी के पद पर होता है। यह छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाला कारनामा है। लाखों युवाओं के मन में संतोष हुआ होगा। आज न्यायालय ने साफ कर दिया कि इस तरह की प्रक्रिया नहीं चल सकती।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महिला आरक्षण बिल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश कर दिया है। मुझे लगता है कि नए संसद भवन में प्रवेश के साथ नए संकल्प और सोच के साथ ऐसा फैसला हुआ है।  यह 9 साल के कार्यकाल का माइल स्टोन बनने जा रहा है। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हो रहा है। यह महिलाओं की भागीदारी के लिए क्रांतिकारी कदम है। मैं बधाई देना चाहता हूं। यह बहुत बड़ा फैसला है और महिला सशक्तिकरण, उनके हितों के समर्थन की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है।

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