चेन्नई
तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि द्रविड़ आंदोलन सनातन धर्म को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। साथ ही जूनियर स्टालिन ने यह भी कहा कि यह प्रयास जारी रहेगा। उनका यह बयान सनातन धर्म पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के दो सप्ताह बाद आया है। उनके पिछले बयान ने पूरे देश में विवाद पैदा कर दिया। बीजेपी ने स्टालिन के बहाने इंडिया गठबंधन को घेरा।
उदयनिधि ने बुधवार को मदुरै में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे उन पुजारियों से खतरा नहीं जो मेरी मौत का आह्वान करते हैं और मेरे सिर की कीमत की घोषणा करते हैं।"
डीएमके के संस्थापक और तमिलनाडु के पूर्व सीएम सीएन अन्नादुरई का जिक्र करते हुए उदयनिधि ने अन्नाद्रमुक से पूछा, ''क्या आपमें वह सब कहने का साहस है जो अन्नादुरई ने कहा? चाहे वह सनातन के बारे में हो या संघीय व्यवस्था के बारे में। हम केवल उन सभी चीजों का समर्थन कर रहे हैं जिनके लिए अन्नादुराई खड़े थे, अन्नाद्रमुक नहीं।'' आपको बता दें कि मुख्य विपक्षी दल अन्नादुरई को अपना राजनीतिक गुरु भी मानता है।
उन्होंनेअन्नाद्रमुक नेता सेलुर राजू को संबोधित करते हुए सनातन पर अन्नादुराई के विचारों को दोहराने के उनके साहस पर सवाल उठाया। उदयनिधि ने कहा कि अन्नादुरई सनातन में विश्वास करने वाले एक वर्ग से निराश थे। नए संसद भवन में तमिलनाडु से ''अधीनम'' को आमंत्रित करने के निर्णय की आलोचना की। उदयनिधि ने संसद में उनकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाया। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कार्यक्रम से बाहर रखने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी समाज से होने के कारण उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा, ''महिला आरक्षण बिल के संसद से पास होने के मौके पर फिल्म अभिनेत्रियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन राष्ट्रपति को नहीं। हम इस बात की वकालत करते हैं कि सभी समान पैदा होते हैं। इसलिए सनातन का विनाश करना हमारा उद्देश्य है।''