नई दिल्ली
अमेरिका की मशहूर और प्रतिष्ठित मैग्जीन 'टाइम' ने वर्ष 2024 के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली हस्तियों में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले कई भारतीय शख्सियतों को स्थान दिया है। इनमें भारतीय मूल की खगोलविद प्रियंवदा नटराजन का भी नाम शामिल है। प्रियंवदा नटराजन के अलावा इस सूची में बिजनेस लीडर,कलाकार, अभिनेता, एथलीट, प्रोफेसर, वैज्ञानिक और अन्य राजनेता भी शामिल हैं जिन्होंने अपने काम से दुनियाभर में अमिट छाप छोड़ी है।
नटराजन के अलावा विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला, ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक और अभिनेता-निर्देशक देव पटेल भी उन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने टाइम की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली हस्तियों की सूची में जगह बनाई है। यह सूची बुधवार को जारी हुई।
कौन हैं प्रियंवदा नटराजन?
प्रियंवदा नटराजन अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान और भौतिकी की प्रोफेसर हैं। वह यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग और महिला संकाय फोरम की भी अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वह येल यूनिवर्सिटी में साइंस एंड ह्यूमिनिटी स्ट्रीम के इंटर डिसिपिलिनरी फ्रेंक प्रोग्राम की निदेशक भी हैं। नटराजन ने दिल्ली के मशहूर दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। यहां से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से भौतिकी और गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की। नटराजन ने एमआईटी के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज कार्यक्रम में विज्ञान, इतिहास और दर्शनशास्त्र में स्नातक किया है। नटराजन ने बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञान संस्थान से 1999 में पीएचडी की। पीएचडी करने के दौरान ही उन्होंने प्रतिष्ठित आइजैक न्यूटन स्कॉलरशिप हासिल की। वह ट्रिनिटी कॉलेज की फेलो भी रही हैं। यह फेलो पाने वाली वह पहली महिला थीं।
नटराजन का रिसर्च ब्लैक होल के अध्ययन पर आधारित है। उनकी स्टडी इस बात पर केंद्रित रही है कि ब्लैक होल कैसे बनते हैं, वे कैसे बढ़ते हैं और अपने परिवेश को कैसे प्रभावित करते हैं। वह यह समझने के लिए सिमुलेशन और मॉडल का इस्तेमाल करती हैं कि ब्लैक होल अपने मेजबान आकाशगंगाओं और बड़े ब्रह्मांड के साथ कैसे बातचीत करते हैं।
कुल मिलाकर उनका काम 'अदृश्य ब्रह्मांड' का नक्शा बनाना है। वह ब्लैक होल और ब्रह्मांड के शुरुआती चरणों में आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास के साथ उनके संबंधों का उजागर करती हैं। उनका लक्ष्य ब्लैक होल के विकास में शामिल सभी प्रक्रियाओं की खोज करना और विभिन्न उपकरणों का उपयोग कर यह अनुमान लगाना है कि हम उनसे क्या सीख और परख सकते हैं।