वॉशिंगटन
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बची है। स्पेस स्टेशन में रूसी मॉड्यूल से एक कूलेंट लीक हो रहा था। हालांकि दो दिनों के बाद बुधवार को यह लीक बंद हो गया है। नासा ने एक ब्लॉग में इसकी जानकारी दी। नासा अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को यह अमोनिया रिसाव शुरू हुआ। हालांकि इसके कारण अंतरिक्ष यात्री कभी भी खतरे में नहीं थे। हालांकि फिर भी स्पेस एजेंसी ने 12 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को पहले से निर्धारित दो स्पेसवॉक को स्थगित कर दिया है।
नासा के इंजीनियर इस लीक के बाद स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अमोनिया खतरनाक और जहरीला है, ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसवॉक के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। सोमवार को भारतीय समय के मुताबिक रात 10.30 बजे इंटरनेशन स्पेस स्टेशन में लगे रूसी मॉड्यूल जो एक बहुउद्देशीय प्रयोगशाला है पर जहरीले अमोनिया के टुकड़े देखे गए। ISS पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री जैस्मीन मोघबेली ने स्टेशन की रैप-अराउंड कपोला खिड़कियों के जरिए से देखने के बाद इस रिसाव की पुष्टि की।
2010 में भेजा गया था मॉड्यूल
नासा के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि बैकअप रेडिएटर रिसाव का चालक दल या अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। रूसी मॉड्यूल के लिए प्राथमिक रेडिएटर ने सामान्य रूप से काम करना जारी रखा। रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने इस लीक की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी कहा कि तापमान सामान्य है और इसके संचालन और इस्तेमाल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिस बैकअप रेडियएटर में लीक की समस्या आई है वह एक अलग रूसी मॉड्यूल के लिए था, जिसे रासवेट कहा जाता था और 2010 में अंतरिक्ष शटल मिशन STS-132 के जरिए ISS तक पहुंचा।
सिस्टम को ठंडा करते हैं अमोनिया
स्पेस स्टेशन के सिस्टम अत्यधिक गर्मी पैदा करते हैं। नासा के मुताबिक ISS को ठंडा करने के लिए अमोनिया की आवश्यक्ता होती है। ठंडी प्लेटों के जरिए ऊष्मा को हीट एक्सचेंज के जरिए हटाया जाता है। इसके लिए इन प्लेटों में लगातार बह रहे अमोनिया की जरूरत होती है, जो ठंडे होते हैं। पिछले कुछ महीनों में यह ISS पर रूसी मॉड्यूल में हुआ एक नया लीक है। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह सिस्टमैटिक समस्या है, जिसके कारण ऐसा हो रहा है।