
भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी जल्द ही मेट्रोपालिटन रीजन के रूप में विकसित होगी, जिसको लेकर पांच नगर निगमों को जोड़ा जाएगा। इसके क्षेत्र को 10 हजार वर्ग किमी तक विस्तार किया जाएगा। शासन की तरफ से इसे लेकर बनाए नियमों को टीएंडसीपी इसी सप्ताह अधिसूचित कर देगी, ताकि इसका काम तेज हो सके।
उद्योग केंद्रों और पर्यटन सर्किटों की योजनाएं
भोपाल मेट्रोपालिटन अथारिटी एक्ट के तहत उद्योग केंद्रों और पर्यटन सर्किटों की योजनाएं तय होंगी। भोपाल को मुख्य शहर बनाया जाएगा, जबकि सीहोर और रायसेन को औद्योगिक केंद्र, विदिशा को विरासत केंद्र और राजगढ़ को प्रमुख कृषि व औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
गौरतलब है कि मेट्रोपालिटन रीजन में भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सीहोर और रायसेन जिलों के हिस्से शामिल किए जा रहे हैं। प्राथमिक नक्शे में 8791 वर्ग किमी का दायरा तय किया गया है। भोपाल विकास प्राधिकरण मेट्रोपालिटन क्षेत्र के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। इसके लिए सेप्ट यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
इंडस्ट्री कॉरिडोर के रूप में विकसित
मेट्रोपालिटन के तहत सीहोर और रायसेन को इंडस्ट्री कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए निवेश लिया जाएगा। राजगढ़ जिले के क्षेत्रों को कृषि आधारित नए बाजारों का केंद्र बनाया जाएगा। योजना में सेटेलाइट टाउन, टूरिस्ट सेंटर और सर्किट की प्लानिंग भी शामिल है। शहरी क्षेत्र की बजाय रीजन के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष आवासीय क्षेत्र विकसित कर लोगों को बसाया जाएगा और कार्यस्थलों तक आवाजाही के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर किया जाएगा।
इन जिलों के ये क्षेत्र मेट्रोपालिटन में होंगे शामिल
रायसेन जिले के रायसेन, औबेदुल्लागंज
विदिशा जिले के विदिशा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज
सीहोर जिले के सीहोर, इछावर, आष्टा, श्यामपुर, जावर
राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़, जीरापुर, ब्यावरा, पिछोर, खुजनेर
भोपाल जिले के हुजूर, बैरसिया
इस तरह होगा विकास का खाका
क्षेत्र विकास के आधार पर योजना
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की योजना
क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर को चिन्हित करना
सेटेलाइट टाउन के लिए क्षेत्र चिन्हित करना
टूरिस्ट सेंटर व सर्किट तय करना
पर्यावरणीय विकास के लिए पूरा मैनेजमेंट तय करना
बेहतर कृषि भूमि का संरक्षण प्लान
केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान



