एप्पल का बड़ा फैसला, एलन मस्क के एक्स पर बंद की ये सर्विस
नई दिल्ली
एप्पल अब एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स कॉर्प पर कस्टमर सपोर्ट प्रदान नहीं कर रहा है और अब कस्टमर्स को अपनी वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर रहा है। मैकरुमर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जो कस्टमर्स एक्स पर एप्पल अकाउंट पर डायरेक्ट मैसेज भेजते हैं, उन्हें एप्पल की वेबसाइट पर गेट सपोर्ट पेज और आईफोन और आईपैड के लिए एप्पल सपोर्ट ऐप के लिंक के साथ ऑटेमेटिड रिप्लाई प्राप्त होता है।
अकाउंट कस्टमर्स द्वारा भेजे गए किसी भी मैसेज के लिए ऑटेमेटिड रिप्लाई के साथ प्रतिक्रिया देगा। 'ऐसा लगता है जैसे आपके आईफोन में कोई समस्या है। हम मदद कर सकते हैं, लेकिन बेस्ट सपोर्ट प्रदान करने के लिए हम इस बातचीत को किसी अन्य सपोर्ट चैनल में जारी रखना चाहेंगे।
इसका मतलब यह भी है कि एप्पल सपोर्ट उन कस्टमर्स की मदद नहीं करेगा जो पोस्ट में कंपनी को टैग करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अकाउंट टिप्स, ट्रिक्स और जरुरी जानकारी साझा करना जारी रखेगा, जिसमें यूट्यूब पर ऐप्पल सपोर्ट चैनल के वीडियो भी शामिल हैं। एप्पल ने 2016 से ट्विटर पर ह्यूमन सपोर्ट की पेशकश की थी।
फोन सपोर्ट में ट्रांजीशन के बीच एप्पल सपोर्ट कम्युनिटी पर ह्यूमन सपोर्ट अस्थायी रूप से जारी रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब पर एप्पल सपोर्ट चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो पर कमेंट्स पर प्रतिक्रियाएं आना बंद हो गई हैं।
एलन मस्क को तगड़ा झटका: ट्विटर के पूर्व सीईओ ने एक्स से जीता मुकदमा- अब देनी होगी राशि
सैन फ्रांसिस्को
पूर्व ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल, पूर्व-कानूनी प्रमुख विजया गड्डे और अन्य अधिकारियों ने एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स कॉर्प से कानूनी फीस में 1.1 मिलियन डॉलर जीते हैं। रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि डेलावेयर चांसरी कोर्ट के जज कैथलीन सेंट जे. मैककॉर्मिक ने अग्रवाल और टीम के पक्ष में फैसला सुनाया और माना कि ट्विटर ने कंपनी के लिए उनके काम से उत्पन्न कानूनी खर्चों को कवर करने के अपने कर्तव्यों का उल्लंघन किया।
भारतीय मूल के ट्विटर सीईओ अग्रवाल, पूर्व कानूनी प्रमुख गड्डे और पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल ने 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा के अवैतनिक कानूनी बिलों को लेकर इस साल अप्रैल में मस्क द्वारा संचालित ट्विटर पर मुकदमा दायर किया था। पिछले साल अक्टूबर में, मस्क ने अग्रवाल, गड्डे और सेगल को सूचित किया कि कंपनी के साथ उनका एंप्लॉयमेंट समाप्त हो गया है, क्योंकि उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
मुकदमे के अनुसार, तीनों ने आरोप लगाया कि ट्विटर को उन्हें 1 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करना होगा। ये खर्च कई सुनवाई में न्याय विभाग और प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा सवालों का जवाब देने के लिए किया गया। अग्रवाल और सेगल को सितंबर में सिक्योरिटीज क्लास एक्शन में प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था, जबकि दोनों अभी भी ट्विटर पर काम कर रहे थे।
मुकदमे के अनुसार, गड्डे को इस साल फरवरी में सिक्योरिटीज क्लास एक्शन में एक प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था, जब उस कार्रवाई में वादी ने मुकदमे के अनुसार एक संशोधित क्लास एक्शन शिकायत दर्ज की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इन तीनों शीर्ष अधिकारियों ने ट्विटर छोड़ा तो उनके पास करीब 90-100 मिलियन डॉलर का एग्जिट पैकेज था। पराग अग्रवाल को लगभग 40 मिलियन डॉलर का सबसे बड़ा भुगतान मिला, जिसका मुख्य कारण ट्विटर में उनके शेयर थे, जो नौकरी से निकाले जाने के बाद मिलने थे।