अनूपपुर
भारत की पहली ट्रांसजेंडर विधायक शबनम मौसी पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। उनपर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा हैमध्य प्रदेश की अनूपपुर पुलिस ने उनके खिलाफ पिस्तौल ना जमा करने के कारण मामला दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस ने बताया कि शबनम मौसी को पिस्तौल जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पिस्तौल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी अमर वर्मा ने बताया कि शबनम मौसी के खिलाफ आदेश की अवज्ञा करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि शबनम मौसी ने 12 बोर की बंदूक जमा कर दी, लेकिन पिस्तौल नहीं जमा करा पाईं। इस चूक के बाद प्रशासन ने पिस्तौल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बता दें कि साल 2000 में शबनम मौसी विधायक के रूप में निर्वाचित हुई थीं।
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 9 अक्टूबर से लागू आदर्श आचार संहिता के तहत पुलिस के आदेश पर हथियार जमा करना अनिवार्य है। इन चुनावों में हुए मतदान के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार, मौसी ने फरवरी 2000 में विधायक के रूप में निर्वाचित होने वाली पहली ट्रांसजेंडर व्यक्ति बनकर चुनावी इतिहास रचा था। उन्होंने शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से उपचुनाव जीता था, जो मौजूदा कांग्रेस विधायक कृष्णपाल सिंह की मृत्यु के कारण जरूरी हो गया था।
उस साल हुए चुनावों में शबनम मौसी ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 17,800 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। हालाँकि, 2003 के विधानसभा चुनावों में, वह केवल 1,400 वोट पाने में सफल रहीं और हार गईं। 2008 के परिसीमन प्रक्रिया में सोहागपुर सीट को दूसरी विधानसभा क्षेत्रों में मिला दिया गया।