छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़-बलरामपुर रामानुजगंज में नाई समाज के तीन लोगों की जघन्य हत्या, मुआवजा और सरकारी नौकरी मांगी

बलरामपुर रामनुजगंज.

बलरामपुर रामनुजगंज छत्तीसगढ़ प्रांत सेन नाई समाज के द्वारा समाज के तीन लोगों की जघन्य हत्याकांड पर दुख व्यक्त कर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन साप्ताहिक बाजार परिसर में किया गया। इस दौरान समाज के लोगों ने कठोर शब्दों में जघन्य हत्याकांड की कठोर निंदा की। श्रद्धांजलि सभा के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को पांच सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

समाज के लोगों के द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं, कलेक्टर परिसर के बाहर बेरिगेट्स लगवा दिये गय थे। ज्ञापन में उल्लेख किया कि समाज के पांच वर्षीय अबोध बालक 17 वर्षीय बच्ची एवं उसकी मां की नृशंस हत्या कर दी गई। मृतक के सज्जनों ने एक अक्तूबर को मौखिक सूचना कुसमी थाने में दी दोबारा पांच अक्तूबर को कुसमी थाने में लिखित शिकायत मृतका के पति के द्वारा की गई कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में भी ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद भी पुलिस सुस्त बनी रही। पुलिस यदि तत्परता से कार्रवाई करती तो शायद यह घटना नहीं होती। इस हत्याकांड से समाज के लोगों में दुख एवं आक्रोश है। पांच सूत्रीय मांग में मृतका के परिजनों को दो करोड़ रुपये मुआवजा राशि, किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी, परिवार के 15 वर्षीय बच्ची कुमारी मधु ठाकुर की पढ़ाई का संपूर्ण खर्च शासन द्वारा वहन किया जाए। कोई एक व्यक्ति अकेले एक साथ तीनों की हत्या नहीं कर सकता और साक्षय छिपाने और शव को दफना नहीं सकता स्पष्ट की घटना में अन्य अपराधी शामिल होंगे। इस की गहन छानबीन कर अन्य अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए तथा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर हो एफआईआर
समाज के द्वारा ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि मृतक के शवजनों के द्वारा एक अक्तूबर को मौखिक सूचना पर यदि पुलिस सकरी हो जाती और पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती तो यह हत्याकांड नहीं होता जवाबदारी पुलिस अधिकारियों के लापरवाही की वजह से हत्याकांड हुआ। इस कारण उन संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपराधी प्रकरण दर्ज होना चाहिए।

मांग नहीं माने जाने पर करेंगे आंदोलन
समाज के लोगों ने कहा कि यदि हम लोगों के पास पांच सूत्रीय मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं होता है तो समाज के लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। हम सभी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जावेदारी प्रशासन की होगी।

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