अंबाला
प्रदेश भर में डेंगू अपने पंख पसार रहा है। अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच अंबाला छावनी के कई इलाकों का रियलटी चेक किया तो पाया कि कॉलोनियों में ना तो सफाई व्यवस्था दरुस्त है और ना ही खाली पड़े प्लॉटों से अब तक बरसाती पानी की निकासी हो पाई है। जिन प्लाटों में पानी खड़ा है उनमें काई जमी है। मच्छर और अन्य कीटाणु इन प्लॉटों पर मंडरा रहे हैं जिससे कभी भी डेंगू जैसी घातक बीमारी फैलने का खतरा स्थानीय निवासियों के सिर पर मंडरा रहा है।
स्थानीय निवासियों ने नगर परिषद अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। लिहाजा गणेश विहार एक्सटेंशन और आजाद नगर के लोगों को हमेशा बीमारी फैलने का खतरा सताता रहता है, क्यूंकि इन इलाकों में मक्खियों और मच्छरों की भरमार है। डेंगू से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग का साफ कहना है कि उनकी तैयारियां पूरी है। किसी भी तरीके की कोई दिक्कत उनकी तरफ से नहीं है। जिले में 82 केस डेंगू के रिपोर्ट हो चुके हैं। संबंधित विभाग को फॉगिंग के लिए पत्र लिखे गए हैं। अभी तक 8500 से ज्यादा लोगों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं।
करनाल में अब तक डेंगू के 327 मामले आए, सामने स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट
हरियाणा में बदलते मौसम की वजह से डेंगू के केस बढ़ते जा रहे हैं। करनाल जिले में भी 1 जनवरी से अब तक 327 मामले सामने आए हैं। जो कि पिछले साल के मुकाबले कम हैं। बावजूद इसके जिले में रोजाना डेंगू से जुड़े मामले सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में आते रहते हैं। करनाल में आए दिन मामले सामने आ रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉक्टर रेनू चावला ने कहा है कि अलग-अलग जगह टीमें जाकर फॉगिंग कर रही हैं। लार्वा को काला तेल या दवाई डालकर खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। कोई व्यक्ति ज्यादा लापरवाही बरत रहा है तो उसे नोटिस भेजा जा रहा है। ताकि डेंगू से बचाव किया जा सके। प्राइवेट अस्पतालों को भी सख्त निर्देश दिए गऐ हैं कि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न की जाऐ। मच्छरों का लार्वा न पनपे इसलिए एहतियाद बरते जा रहे हैं।