रायपुर
विधानसभा क्षेत्र आरंग के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुटेसर के किसानों ने दीर्घावधि वाले धान की फसल को बचाने संभावित सिंचाई पानी की आवश्यकता के मद्देनजर डिमांड पर नहर से सिंचाई पानी उपलब्ध कराने की मांग को ले महानदी जलाशय परियोजना के अधीनस्थ जल प्रबंध संभाग क्रमांक 1 के कार्यपालन अभियंता ललित रावते को सरपंच श्रीमती कामिनी लक्ष्मण यादव के माध्यम से आज पुन: ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में खस्ताहाल नहर नाली को कुटेसर तक पानी ले जाने किसानों द्वारा श्रमदान कर मरम्मत करने का आश्वासन भी दिया है। ज्ञापन की प्रति रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ के अध्यक्ष रहे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा को भी प्रदत्त कर पूर्ववत् सहयोग का आग्रह किया है। इधर श्री शर्मा द्वारा ध्यानाकर्षण कराये जाने पर श्री रावते ने वर्तमान में गंगरेल में जल भराव की स्थिति व अनुबंधित रकबे को सिंचाई हेतु कम से कम 45 दिन पानी की आवश्यकता को देखते हुये डिमांड पर पानी दे पाना संभव नहीं होने की जानकारी दी है।
ज्ञातव्य हो कि गंगरेल बांध के मांढर शाखा नहर से निकले वितरक शाखा नंबर 10 के माइनर नंबर 1 से पहले कुटेसर फिर तोडगांव व बडगांव को डिमांड पर सिंचाई व निस्तारी हेतु पानी दिया जाता है। इस वर्ष अभी तक तोडगांव व बडगांव के किसानों द्वारा सिंचाई पानी की मांग नहीं की गयी है पर बीते 4 सितंबर को किसानों ने सरपंच के माध्यम से श्री रावते को ज्ञापन सौंप सिंचाई हेतु डिमांड पर पानी देने की मांग की थी पर इसके बाद सामयिक बरसात हो जाने की वजह से वे खामोश बैठ गये थे। किसानों का कहना है कि हाल ही मे हुये बरसात की वजह से शीघ्र पकने वाली धान की फसल को पानी की आवश्यकता नहीं के बराबर है पर आगे सामयिक बरसात न होने पर दीर्घावधि वाले धान की सरना वेरायटी को पानी की आवश्यकता हो सकती है और इसे देखते हुये व वितरक शाखा के ग्रामों में फिलहाल पानी की आवश्यकता न होने की स्थिति के मद्देनजर व्यर्थ जा रहे पानी के रुख की दिशा कुटेसर की ओर मोड़ डिमांड पर पानी दिया सकता है और वे इसके लिये डिमांड फार्म भरने को तैय्यार हैं।
किसानों के बुलावे पर सोमवार की सुबह कुटेसर पहुंचे श्री शर्मा ने किसानों से दो टूक कहा कि पहले तीनों ग्राम सिंचाई पानी हेतु अनुबंधित एरिया था पर कुटेसर के अधिकांश किसानों द्वारा सिंचाई कर की राशि अदा न किये जाने के कारण अनुबंध समाप्त कर दिया गया और कुटेसर से आगे पानी न बढने देने की कथित प्रवृत्ति के चलते आगे के दोनों ग्रामों के किसानों ने भी अनुबंध समाप्त करा लिया और इसी की वजह से अब दुगने दर पर डिमांड में पानी लेने भी शासन – प्रशासन से मनुहार करना पड़ता है। किसानों ने सिंचाई कर न पटाने के कारणो का खुलासा करते हुये जानकारी दी कि आज की स्थिति में ग्राम के अधिकांश खेती के भूमि को बाहरी लोग खरीद चुके हैं और खेती का बहुत कम रकबा बच रह गया है। वर्तमान में खेती कर रहे किसान सिंचाई कर अदा करने तैय्यार हैं। श्री शर्मा के सुझाव पर किसानों ने सरपंच के हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन श्री रावते को श्री शर्मा के माध्यम से व्हाट्स ऐप पर भेजा।