नई दिल्ली
आज बढ़ता वजन हर दूसरे व्यक्ति के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। आमतौर पर व्यक्ति के वजन बढ़ने के पीछे सुस्त जीवनशैली, वर्कआउट की कमी और खानपान की खराब आदतें जिम्मेदार होती हैं। लेकिन कई बार पीसीओएस भी बढ़ते वजन का कारण बनने लगता है। स्टडीज के मुताबिक, करीब 20 फीसदी भारतीय महिलाएं पीसीओएस से जूझ रही हैं। इस समस्या की वजह से महिला में पीरियड में गड़बड़ी,चेहरे पर बाल आना और वजन बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हालांकि,सख्त डाइट और फिजिकल एक्टिविटी की मदद लेकर इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं 3 ऐसे योगासनों के बारे में जो पेट के आस-पास जमा चर्बी को कम करके पीसीओएस से निपटने में भी मदद कर सकते हैं।
पीसीओएस की समस्या होने पर क्यों बढ़ने लगता है वजन?
पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या होने के कारण महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन फीमेल हार्मोन से ज्यादा एंड्रोजन मेल हार्मोन बनने लगते हैं। जिसकी वजह से शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है। शरीर में जमा ये चर्बी ही वजन बढ़ने का कारण बनती है। ऐसे में आइए जानते हैं 3 ऐसे योगासनों के बारे में जो पेट की जमा चर्बी को कम करके पीसीओएस से निपटने में भी मदद कर सकते हैं।
मलासन-
मलासन करने के लिए सबसे पहले घुटनों को मोड़कर मल त्याग करने वाली मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों की बगलों को मुड़े हुए घुटनों पर टिकाते हुए अपने दोनों होथों की हथेलियों को आपस में मिलाएं और हाथ जोड़ कर नमस्कार करने वाली मुद्रा बना लें। इस आसान को करते समय धीरे-धीरे सांस को अंदर बाहर छोड़ते रहें। थोड़ी देर इसी स्थिति में बैठकर डीप ब्रीदिंग करें। इसके बाद हाथों को नमस्कार करने वाली मुद्रा में ही उपर की ओर ले जाते हुए वापस से उसी मुद्रा में हाथों को लाएं और धीरे-धीरे हाथों को खोलते हुए उठें। सुबह खाली पेट इस मुद्रा को 10 मिनट करने से लाभ मिलता है।
भुजंगासन –
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है। इस आसन को करने से पहले रीढ़ की हड्डी को तैयार करना पड़ता है, ऐसा ना करने पर अचानक से रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ सकता है। भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को वॉर्म-अप करने के लिए दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। अब पीठ को झुकाते हुए दोनों हाथों से पैरों की उंगलियां छूने की कोशिश करें। इसके बाद कोबरा पोज करने की शुरूआत करें। अपने दोनों हाथों को कंधों के पास रखें। आपकी कोहनी मुड़ी हुई होनी चाहिए। पेट के नीचे का हिस्सा जमीन पर लगा होना चाहिए और हाथों को शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं और ऊपर की ओर देखने की ही कोशिश करें। इस पोजीशन को कुछ देर होल्ड करने के बाद पहले वाली पोजीशन में आ जाएं। भुजंगासन करते समय गहरी सांस लेते रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। शुरू में इस आसन को 30 सेकंड तक करें। इसके बाद धीरे-धीरे आप समयावधि एक मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
सेतु बंधासन-
सेतु बंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर अपने घुटनों को पैरों के समानांतर लाकर कंधे के लेवल के अंतर से मोड़ें। ग्लूट्स, कोर और क्वाड्रिसेप मसल्स को एंगेज करते हुए, लोअर बैक को जितना हो सके ऊपर उठाएं। इस पोजीशन में कम से कम 30 सेकेंड तक बने रहें। ब्रिज पोज आपके कोर के आस-पास वजन कम करने में मदद करता है, पेल्विक मसल्स को मजबूत करता है और पीठ दर्द को कम करता है।