नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना एचएएल से 156 और प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलकॉप्टरों खरीदेगी। इसका ऑर्डर शीघ्र ही दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना इन्हें चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात करेगी। इसे रक्षा क्षेत्र में पीएम मोदी के मेक इन इंडिया के लिए सबसे बड़े प्रयासों में से एक कहा जा सकता है। दुनिया की सबसे खराब मौसम स्थितियों और इलाकों में परीक्षण करने के बाद पिछले 15 महीनों में इनमें 15 हेलीकॉप्टरों की पहले ही सेना ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया, 'मुख्य सेवा के रूप में भारतीय वायुसेना ने संयुक्त अधिग्रहण मामले के रूप में 156 और प्रचंड हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए सरकार के पास एक प्रस्ताव रखा है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है।'
हाल ही में, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए लगभग 100 और हल्के लड़ाकू विमान मार्क 1ए खरीदने के बल के इरादे के बारे में विदेशी धरती से घोषणा की थी। मूल्य के हिसाब से दोनों परियोजनाओं का कुल योग 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। 156 हेलिकॉप्टरों में से 66 भारतीय वायु सेना द्धारा शामिल किए जाएंगे जबकि शेष 90 भारतीय सेना द्धारा अधिग्रहित किए जाएंगे।
जानिए 'प्रचंड' लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की खासियतें
इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर को रेगिस्तानी इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों दोनों में संचालित करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। प्रचंड दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर और उड़ान भर सकता है, जो इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालित करने के लिए आदर्श बनाता है।
हवा में मिसाइलें दागने में भी सक्षम
यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। यह नई ध्रुवास्त्र हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से भी लैस होने जा रहा है जो ऊंचाई के साथ-साथ अन्य इलाकों में दुश्मन के कठोर आश्रयों को नष्ट कर सकती है। भारतीय वायुसेना निर्यात आवश्यकताओं और मित्रवत विदेशी देशों को बिक्री के लिए मशीनों को तैयार रखने के लिए इन हेलिकॉप्टरों की एक बड़ी संख्या भी खरीद रही है। पूर्ण सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेवाओं में इन हेलिकॉप्टरों की संख्या 300 से अधिक होने की उम्मीद है और जल्द ही निर्यात बाजारों में खरीदार मिलने की भी उम्मीद है।