धर्म

नकारात्मकता दूर करने के लिए घर में लगाएं सूर्य यंत्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्य यंत्र (जिसे सूर्य के देवता का प्रतीक माना जाता है) घर में लगाने के लिए विशेष दिशा और स्थान का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है, ताकि इसके प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और घर के सदस्य स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध रहें। सूर्य यंत्र को पूर्व दिशा (या उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करना सबसे अच्छा होता है। यह दिशा सूर्य के ऊर्जा के अनुरूप होती है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

सूर्य यंत्र को किस दिशा में लगाना चाहिए:
पूर्व (East) दिशा: सूर्य यंत्र को घर में पूर्व दिशा में लगाना सबसे उत्तम माना जाता है। सूर्योदय की दिशा पूर्व होती है और सूर्य यंत्र को इस दिशा में लगाने से घर में उजाला, सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं। यदि सूर्य यंत्र को पूर्व दीवार पर स्थापित किया जाए तो इसका प्रभाव अधिक लाभकारी होता है। इससे घर में शांति, समृद्धि और उन्नति का वातावरण बनता है।

उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा: उत्तर-पूर्व को ईशान कोण भी कहा जाता है, जो घर में ऊर्जा का प्रमुख केंद्र होता है। सूर्य यंत्र को इस दिशा में लगाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और जीवन में खुशियां आती हैं। यह दिशा धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अनुकूल मानी जाती है।

दक्षिण (South) दिशा से बचें: सूर्य यंत्र को दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए। दक्षिण दिशा में सूर्य का प्रभाव अत्यधिक हो सकता है और यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है, जिससे परिवार में संघर्ष और तनाव बढ़ सकता है।

पश्चिम (West) दिशा: पश्चिम दिशा में सूर्य यंत्र लगाना भी ठीक नहीं माना जाता क्योंकि यह दिशा सूर्य के प्रभाव का उल्टा असर कर सकती है, जिससे घर में समस्या और उलझनें बढ़ सकती हैं।

सूर्य यंत्र की स्थापना के दौरान कुछ खास बातें:
सूर्य यंत्र को स्वच्छ स्थान पर रखें: यंत्र को किसी स्वच्छ और धूल-मिट्टी से मुक्त स्थान पर लगाना चाहिए, ताकि यह पूर्ण रूप से अपनी ऊर्जा दे सके।

सूर्य यंत्र का नियमित पूजन करें: सूर्य यंत्र को स्थापित करने के बाद नियमित रूप से पूजा करें। इससे सूर्य की कृपा घर पर बनी रहती है।

सूर्य यंत्र के पास दीपक रखें: सूर्य यंत्र के पास घी का दीपक रखना अच्छा होता है क्योंकि यह सूर्य के प्रभाव को और अधिक मजबूत करता है और घर में शांति और समृद्धि लाता है।

सूर्य यंत्र का आकार और रूप: यंत्र का आकार और रूप सही होना चाहिए। उचित और प्रमाणिक सूर्य यंत्र का प्रयोग ही असरदार होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button