राजनीतिक

तृणमूल कांग्रेस के 11 दिग्गजों पर जांच, किसी को जेल तो किसी को बेल; कैसे एकला चलो को मजबूर

कोलकत्ता

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी नेता एक-एक करके जांच के दायरे में घिरते जा रहे हैं। ऐसे हालात में 'दीदी' एकला चलो रे का मंत्र अलापती नजर आ रही हैं। बीते गुरुवार को उन्होंने अपने सहयोगियों के आवास पर छापे के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इसके कुछ घंटों बाद ही उनके एक और भरोसेमंद ज्योतिप्रिया मल्लिक उर्फ ​​​​बालू को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। 2015 से ही ममता अपने आसपास के मजबूत पिलर्स को एक के बाद एक टूटते हुए देख रही हैं। पिछले 8 साल में उनकी करीबी मंडली के 11 भरोसेमंद लीडर्स जांच के दायरे में हैं। इनमें कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और संगठनात्मक दिग्गज शामिल हैं, जिन्हें सीबीआई और ईडी की ओर से विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया गया है।

सांसद सुदीप बनर्जी, पूर्व मंत्री मदन मित्रा और मंत्री-महापौर फिरहाद हकीम जमानत पर बाहर हैं। मगर, ये भी एक तरह से टूट चुके हैं। ममता के सबसे पुराने सहयोगी व गुरु सुब्रत मुखर्जी और पूर्व सांसद सुल्तान अहमद जैसे अन्य लोगों की जांच प्रक्रिया के दौरान मौत हो गई। दीदी इनकी मौत का ठीकरा केंद्रीय एजेंसियों और जांच पर फोड़ती रही हैं। अनुब्रत मंडल और ज्योतिप्रिया मल्लिक जैसे नेता टीएमसी के लिए बहुत अहम माने जाते रहे। ये अलग-अलग इलाकों का प्रबंधन, कैडर जुटाने और पार्टी के लिए फंड की देखभाल करने जैसे काम संभालते थे। लेकिन, अब ये सलाखों के पीछे हैं। मंडल का पश्चिमी क्षेत्र पर अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता रहा जिसमें बीरभूम, मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया शामिल हैं।

TMC के लिए अहम रहे हैं मंडल और मल्लिक
ज्योतिप्रिया मल्लिक बंगाल के सबसे बड़े जिले उत्तर 24 परगना में पार्टी के लिए सक्रिय रहे, जहां 5 लोकसभा क्षेत्र आते हैं। अगर मंडल की बात करें तो कम से कम 6 लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी। पार्थ चटर्जी दीदी के पुराने सहयोगियों में रहे हैं। वह तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के बाद से ही उनके साथ हैं। मगर, अब लगभग एक साल से जेल में हैं। टीएमसी चीफ के कई करीबी सहयोगी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही पार्टी के पूर्व महासचिव मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी जैसे कुछ लोग भाजपा में शामिल हो गए। इसे लेकर ममता बनर्जी लगातार यह आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि टीएमसी को तोड़ा जा रहा है और उनके नेताओं पर झूठे केस लगाए जा रहे हैं। 

ईडी की छापेमारी गंदा राजनीतिक खेल: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी को गंदा राजनीतिक खेल करार दिया। बनर्जी ने कहा, 'क्या अत्याचार, क्या अनाचार चल रहा है? लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ईडी छापे के नाम पर भाजपा गंदा खेल खेल रही है। मैं पूछना चाहती हूं कि भाजपा के किसी नेता के आवास पर क्या ऐसी एक भी छापेमारी हुई है?' मुख्यमंत्री ने मल्लिक के कोलकाता स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान उन्हें कुछ भी होने पर भाजपा और ईडी के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज करने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि मल्लिक अस्वस्थ हैं। अगर ईडी की छापेमारी के दौरान उन्हें कुछ हुआ तो मैं एफआईआर दर्ज कराऊंगी।

टीएमसी से जुड़े 7 घोटालों में केंद्रीय एजेंसियों की जांच
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस 2015 से अब तक 7 घोटालों में केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रही है। इन मामलों ने एक तरह से बंगाल को हिलाकर रख दिया है। इन केंद्रीय एजेंसियों में ईडी और सीबीआई अहम हैं। ये दोनों फिलहाल सारदा-रोज वैली पोंजी स्कीम, नारदा स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा घोटाला, भर्ती घोटाला, राशन घोटाला, कोयला और पशु तस्करी घोटाले की जांच में जुटी हुई हैं। तृणमूल के सीनियर नेता ने कहा, 'दीदी अकेली योद्धा की तरह लड़ रही हैं। हम जानते हैं कि वह कभी झुकने वाली नहीं हैं। पार्टी के कई भरोसेमंद नेताओं का एक तरह से पतन हो गया है। कुछ हमारे पास वापस आए हैं मगर टूटे हुए हैं। हालांकि, दीदी ही हमारी महाशक्ति हैं।'

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button