इटारसी
चीन में चल रहे एशियन गेम्स में भारत के लिए ट्रैप टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली भोपाल की मनीषा कभी अपने पिता के साथ तालाब में सिंघाड़े तोड़तीं थीं और मछलियां पकड़ती थीं। आज मनीषा देश के लिए मेडल जीत रही हैं। 19वें एशियन गेम्स में मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी की स्टार शूटर मनीषा ने अपने निशाने से सबका दिल जीत लिया है।
मनीषा के पापा कैलाश कीर और माता शकुंतला कीर जीवनयापन के लिए तालाब में सिंघाड़े तोड़ने और मछली पकड़ने का काम करते हैं। एक साधारण और छोटे परिवार से आने वाली मनीषा की उपलब्धि पर उसके माता-पिता बेहद खुश हैं। वहीं मध्यप्रदेश के इटारसी की प्रीति रजक ने भी ट्रैप शूटिंग की टीम में रजत जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। प्रीति की कहानी भी किसी प्रेरणादायक स्टोरी से कम नहीं है। प्रीति भी एक छोटे और साधारण परिवार से आती हैं, उनके पिता कपड़े प्रेस करने का काम करते हैं। जबकि मां स्कूल में हैं।
ओलंपिक की तैयारी
मनीषा का अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लाना है। इसके लिए वे जनवरी में दिल्ली में होने वाले सिलेक्शन ट्रायल की तैयारी में जुटी हैं। 13 साल की उम्र में निशाना लगाना सीखने वाली मनीषा अपनी सफलता पर खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि अभी ओलंपिक बाकी है। मनीषा पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।
आर्मी ज्वाइन की
जानकारी के अनुसार प्रीति ने जनवरी में इंडियन आर्मी की पुलिस विंग में हवलदार की नौकरी ज्वाइन की है। प्रीति करीब 6 साल पहले मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी का हिस्सा बनी थीं।
बहनों ने यहां पहुंचाया
रजत पदक जीतने वाली मनीषा की और प्रीति रजक की कहानी में एक बात कॉमन है। इन दोनों की ही बहनें पहले से एमपी खेल अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थीं अपनी बहनों की प्रेरणा पर ही इन दोनों ने अकादमी को ज्वाइन किया था। जहां मनीषा की बहन वॉटर स्पोर्ट्स में है वहीं प्रीति की बहन भी अच्छी निशानेबाज हैं।
क्या कहते हैं कोच
मनीषा को ट्रेनिंग देने वाले को चित्र जीत ने बताया कि सीनियर कोच मनसे सिंह और योगेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में मनीषा की तैयारी करवाई गई थी अब आगे ओलंपिक में इससे बेहतर प्रदर्शन किया जा सके इसके लिए हमें काम करना है। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया खुद अकादमी पर विशेष ध्यान देती हैं। आज हमारे पास वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हैं, जिनके चलते मध्यप्रदेश अकादमी के खिलाड़ी अंतर राष्ट्रीय स्तर पर इतना शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।