छत्तीसगढ़

नगरनार संयंत्र को निजी कंपनियों को न बेचे, राज्य सरकार इसके लिए 20 हजार करोड़ देने के लिए तैयार है – बघेल

रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बस्तर दौरे से पहले पत्रकारों के समक्ष मांग करते हुए कहा कि नगरनार संयंत्र को निजी कंपनियों को न बेचे, राज्य सरकार खरीदने के लिए तैयार है और इसके एवज में वह 20 हजार करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है। बस्तर के किसानों ने जमीन एमएमडीसी को दी थी न कि निजी व्यक्ति को। तीन तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्तर आ रहे है और उनके दौरे से पहले  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में बंद की घोषणा की। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने की प्रक्रिया रोकी जाये तथा एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाया जाये। पत्रकारवार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, प्रवक्ता सुनील आनंद शुक्ला के अलावा अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का बस्तर में विरोध हो रहा है। नगरनार स्टील प्लांट केंद्र नहीं चला पा रहा है तो उसे छत्तीसगढ़ सरकार को दे दो हम उसे चलाएंगे और इसके लिए 20 हजार करोड़ देने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने कहा कि विनिवेशीकरण की प्रक्रिया में ऐसा क्लाज लगा दिया है कि निजी हाथों की जगह राज्य सरकार यह प्लांट ना ले सके। जब नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना हो रही थी तो छत्तीसगढ़ के लोगों ने इस प्लांट को निजी हाथों में देने के लिए जमीन नहीं दी है। नगरनार स्टील प्लांट से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद की गई है। यहां के विकास की उम्मीद की गई है। यह उम्मीद की गई है कि इससे हमारे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास की नई शुरूआत होगी। लेकिन अब दिख रहा है कि प्लांट की स्थापना के बाद इसे निजी हाथों को सौंपने की साजिश की जा रही है। सारे सपनों को चकनाचूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना चकनाचूर नहीं होने देंगे। हम नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का विरोध करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में नहीं देने और इसे छत्तीसगढ़ सरकार को देने के लिए अशासकीय संकल्प पारित किया गया और अब हमारी पार्टी जब सत्ता में है तो हमने इसके लिए शासकीय संकल्प पारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि नगरनार स्टील प्लांट के बारे में जब विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया तो उसमें भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने भी सहमति दी थी। किसी भी उद्योग का निजीकरण हो जाने से उसका मुनाफा सिर्फ कुछ लोगों की जेब में चला जाता है। यहां के युवाओं को निजीकरण से कुछ फायदा नहीं होने वाला है। किसानों के लिए भी कुछ नहीं किया जाएगा।

पीएम बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों को आश्वस्थ करें कि प्लांट की जमीन निजी हाथों में नहीं बेचेंगे। हमने जमीन एनएमडीसी को दिया था। नगरनार संयंत्र को लेकर कहा कि इस संयंत्र का निर्माण बस्तर के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। टाटा, जिंदल, वेदांता तथा अडानी की कंपनियों के अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी जनता को ये भरोसा दिलाएं कि ये संयंत्र नहीं बिकेगा?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बिलासपुर में आकर झूठ परोसकर चले गए। केंद्र सरकार ने धान खरीदी पर बोनस देने में प्रतिबंध लगा दिया है। वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के बीच किसानों से धान खरीदी का प्रतिशत लगातार कम होता चला गया। अब यह कह रहे हैं कि हम किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि दाना-दाना धान केंद्र सरकार खरीदती है ऐसा है तो केंद्र सरकार आदेश जारी करे। 2 साल के बचे बोनस पर कहा कि हम देना चाहते थे मगर केंद्र सरकार ने बोनस देने पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पीएम मोदी लगातार आ रहे है, झूठ परोस रहे हैं। 2014 में डबल इंजन की सरकार थी, जब तक डबल इंजन की सरकार रही, धान की खरीदी कम होती गई, बोनस देने से मना किया, अब कहते है कि एक-एक दाना ख?ीदना है तो अभी आप 3 अक्टूबर को आने वाले है उससे पहले घोषणा हो जानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के साथी दोमुहीं बात न करे।

पीएम मोदी ने रेल के लिये 6 हजार करोड़ देने की बात कही थी। क्या रेलवे सिर्फ माल ढोने के लिये बनी है? अगर नहीं तो इतनी यात्री गाडि?ां आखिर क्यों रद्द की जा रही है? जिस दिन वे बिलासपुर में दौरे पर थे उस रोज भी 34 रेलगाडि?ां रद्द थी। जितनी ट्रेनें अभी रद्द हो रही है इतिहास में नहीं हुई। छत्तीसगढ़ की जानता से बदला क्यों ले रहे है, पीएम 3 तारीख को आ रहें है उससे पहले आवास की केन्द्रांश की राशि जारी कर दे। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बस्तर में एम्स अस्पताल खोलने की मांग की। इससे वहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो सकेंगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आ रहे है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बस्तर की हवाई सेवाओं के विस्तार करने की भी मांग रखी। जगदलपुर से जबलपुर से दिल्ली के लिए उड़ान शुरू करें, हम क्षतिपूर्ति के रूप में एक करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पीएससी मामले को लेकर कहा कि पीएससी में गड़बडि?ां हुई है तो हमारी सरकार ने तो दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है। शिकायत लेकर अभ्यर्थी सामने आये हम पुख्ता से कार्यवाही करेंगे, दोषी कोई पाया गया तो छोड़ेंगे नहीं। लेकिन राजनीति करने के लिये झूठे और गलत आरोप नहीं लगाये जाने चाहिये। रमन सिंह के समय तो पीएसी में गड़बड़ी हुई थी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा कि भाजपा की मोदी सरकार बस्तर के नगरनार में एनएमडीसी द्वारा लगाये गये इस्पात संयंत्र को बेच रही है। नगरनार इस्पात संयंत्र बस्तर के लोगों की भावनाओं और उनके आर्थिक हितों से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है। बस्तर के लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिये कांग्रेस जन आंदोलन छेड़ेगी। हम 3 अक्टूबर को बस्तर बंद का पूरा समर्थन करते है।

एनएमडीसी के द्वारा नगरनार में बनाये गये इस्पात संयंत्र बस्तर की स्थानीय जनता की जमीन पर बनाया गया है। लोगों ने अपनी जमीनें इसलिये दिया था कि संयंत्र लगेगा तो उनका भविष्य उज्जवल होगा। रोजगार मिलेगा। बस्तर और छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी। नगरनार इस्पात और बैलाडीला एनएमडीसी के स्थापना में हमारे बस्तर के लोगों ने बहुत कुछ खोया है और जब आज कुछ पाने का दिन आया है तो केंद्र सरकार उसको निजीकरण कर रही है जिसके चलते हमारा बस्तर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के बेरोजगार, आदिवासी समाज, अन्य समाज काफी आक्रोशित है।  

नगरनार स्टील प्लांट के लिये लगभग 610 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहित की गई है, जो सार्वजनिक प्रयोजन के लिये ली गई है। साथ ही नगरनार स्टील प्लांट में लगभग 211 हेक्टेयर सरकारी जमीन नि:शुल्क छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। राज्य शासन से जो जमीन एनएमडीसी को हस्तांतरित की गई है, उसकी पहली शर्त यही है कि भूमि का उपयोग केवल एनएमडीसी द्वारा स्टील प्लांट स्थापित किये जाने के प्रयोजन के लिए ही किया जायेगा। इस संयंत्र से 12544 लोगों को सीधे और हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावना है।

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