नैनीताल
श्रद्धालु अब बिना चीन गए भारतीय क्षेत्र से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में खोजे गए प्यू प्वाइंट को तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11- 12 अक्तूबर को पिथौरागढ़ दौरे के समय करेंगे। साथ ही वह भारत-चीन सीमा से कैलाश पर्वत के दर्शन करेंगे। मौसम साफ रहा तो पीएम ‘ऊं पर्वत’ के दर्शन भी करेंगे।
2018 में खोजा गया था कैलाश पर्वत व्यू प्वाइंट हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भगवान शिव का घर माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर के दर्शन को जाते थे। इसके लिए एक रास्ता उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होकर जाता था। पर डोकलाम में भारत-चीन के बीच हुए सीमा विवाद के बाद से यह यात्रा पूरी तरह बंद है। भारतीय सीमा में 2018 में खोजे गए व्यू प्वाइंट से चीन की सीमा में आने वाला कैलाश पर्वत साफ नजर आता है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को इस व्यू प्वाइंट तक की यात्रा करवाई जाए।
कैलाश से दूरी 60 किमी
कैलाश व्यू प्वाइंट तक पहुंचने के लिए ओल्ड लिपुलेख दर्रे को पार करना पड़ता है। यह चीन सीमा से करीब चार किमी पहले पड़ता है। सीमा से कैलाश पर्वत व मानसरोवर झील करीब 60 किमी दूर है। जहां तक पहुंचने को चीन की ओर से यात्रियों को वाहन उपलब्ध करवाए जाते थे।