नई दिल्ली.
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) के प्रमुख ने एक चेतावनी दी है। ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस ने सीएनएन को बताया कि ऑयल इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट की कमी (investment in oil industry) आ रही है, जो ग्लोबल एनर्जी सिक्योरिटी के लिए एक खतरा है। इससे कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Prices) जल्द ही 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं।
12 ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरूरत
अबू धाबी में एडीपीईसी एनर्जी समिट में घैस ने कहा कि अब से 2045 के बीच ऑयल इंडस्ट्री में कम से कम 12 ट्रिलियन डॉलर का कुल निवेश आवश्यक है, ताकि ऊर्जा की कीमतों में उछाल को रोका जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि ऑयल सेक्टर में कम निवेश 'खतरनाक' है। उन्होंने कहा, 'कम निवेश करके हम वास्तव में ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। मुझे लगता है कि मांग बढ़ने के साथ कीमतों में उतार-चढ़ाव बढ़ने की गंभीर संभावनाएं हैं।'
90 डॉलर से ऊपर पहुंचा ब्रेंट क्रूड
वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल जून के मध्य के निचले स्तर से 29% बढ़ गया है। यह पिछले नवंबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर के करीब कारोबार करता दिख रहा है। बुधवार को यह 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर ट्रेड करता दिखा। मुख्य रूप से सऊदी अरब और रूस द्वारा उत्पादन में कटौती को बढ़ाने के चलते दाम ऊपर जा रहे हैं।
100 डॉलर तक पहुंच सकती है कीमतें
जब घैस से पूछा गया कि क्या कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगी, तो उन्होंने कहा, 'ओपेक कीमतों का पूर्वानुमान नहीं करता है, लेकिन इस संख्या को जन्म दे सकने वाले कारक कुछ समय से मौजूद हैं और बने हुए हैं। सबसे बड़ा कारक तो तेल सेक्टर में निवेश की कमी है।'
खतरे में वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा
उन्होंने कहा, 'दुनिया इस निवेश की कमी की समस्या को सुलझा ले यह काफी जरूरी और महत्वपूर्ण है। कम निवेश करके हम वास्तव में ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। दुनिया को अब से 2045 तक कम से कम 12 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।'