भोपाल।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर सरकार ने मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान विधायक और सांसद निधि से बंटने वाली राशि पर रोक लगा दी है। परंतु प्रदेश में मुफ्त राशन बांटने और सस्ते रसोई गैस सिलेंडर देने तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से वंचित रह गए प्रदेश के 2 लाख हितग्राहियों का पंजीयन करने राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है।
इसी तरह संस्कृति विभाग ने प्रदेश में चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहने के दौरान विभिन्न प्रकार के मेलों के आयोजन के लिए अनुमति मांगी है। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय ने आॅनलाइन भर्ती करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है। पीडीएसके राशन के वितरण के लिए परिवहन की निविदाएं करने भी खाद्य विभाग ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है। गांधी हस्तशिल्प बाजार के आयोजन की अनुमति के लिए भी चुनाव आयोग के पास प्रस्ताव पहुंचा है।
पहले से संचालित योजनाओं का लाभ मिलना रहेगा जारी
प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 5 करोड़ 10 लाख हितग्राहियों को चुनाव के दौरान भी मुफ्त राशन बटता रहेगा। इसी तरह जिन लाडली बहनों का सस्ते 450 रुपए वाले सस्ते रसोई गैस सिलेंडर के लिए पंजीयन हो चुका है उन्हें सस्ता रसोई गैस सिलेंडर भी मिलता रहेगा। इसी तरह सीएम लाडली बहन योजना के तहत बहनों के खातों में हर महीने मुफ्त पहुंचने वाली 1250 रुपए की राशि उनके खातों में पहुंचती रहेगी। प्रदेश सरकार की जितनी भी योजनाएं पहले से संचालित हैं उनका लाभ हितग्राहियों को चुनाव के दौरान भी मिलता रहेगा।
विभागों ने स्क्रीनिंग कमेटी की बजाय सीधे भेज दिए आवेदन
चुनाव आयोग से विभिन्न प्रकार की अनुमतियों के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में बनी स्क्रीनिंग कमेटी के जरिए सरकारी विभागों को विभिन्न प्रकार की अनुमतियों के लिए प्रस्ताव चुनाव आयोग तक भेजने होते हैं लेकिन कई विभागों ने इस समिति को भेजने के बजाय सीधे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को अनुमति के लिए आवेदन भेज दिए थे चुनाव आयोग ने समिति के जरिए आवेदन फिर से भेजने को कहा है।