सुबह हो या फिर शाम हम भारतीय लोग चाय की चुस्कियां लेना नहीं भूलते…। अब तो वैसे भी ठंड ज्यादा है ऐसे में दिन में कई बार हमें चाय की जरूरत पड़ती है। कुछ लोगों की चाय के लिए दीवानगी देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे वो चाय से ही सबसे ज्यादा प्यार करते हैं जैसे- मेहमान आने पर चाय, पास होने पर चाय, बर्थडे पार्टी पर चाय, सिर दर्द है तो चाय, नींद आ रही है तो चाय, दुख है तो चाय…. उफ्फ्फ।
ना सिर्फ चाय पीने का बल्कि चाय बनाने का भी एक अलग ही मजा है और अगर चाय के साथ कुछ मिल जाए तो स्वाद दोगुना हो ही जाता है। वैसे भी चाय के साथ कुछ ना कुछ खाने का रिवाज काफी पुराना है। ऐसे में आप भी अपने टी टाइम को मज़ेदार बना सकते हैं वो भी गोल मठरी के साथ। बेहतर होगा कि इसे बाहर से खरीदने की बजाय घर पर ही बनाएं और इंजॉय करें।
बनाने का तरीका
- सबसे पहले काली मिर्च को पीसकर रख लें। फिर एक बाउल में मैदा, काली मिर्च पाउडर, नमक को डालकर मिला लें।
- फिर कसा हुआ नारियल और देसी घी डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। हमें घी को अच्छी तरह से मसलना है। अगर पानी की जरूरत पड़े तो हल्का गर्म पानी हल्के हाथ से डालें।
- जब आटा अच्छी तरह से गूंथ लें, लेकिन ध्यान रहे कि आटा ज्यादा पतला न हो। अगर आटा पतला होगा तो मठरी अच्छी नहीं बनेगी।
- आटा गूंथने के बाद लगभग 15 से 20 मिनट के लिए कपड़ा ढककर रख दें ताकि आटा सेट हो जाए।
- अब थोड़ा- थोड़ा आटा लेकर लोई बना लें। अब आटे को बेलन पर रखकर बेल लें। ध्यान रहे कि मठरी मोटी होती है। इसलिए आटे की लेयर थोड़ी मोटी रखें।
- अब कांटे की मदद से पूरी रोटी पर छेद कर लें। ऐसा करने से मठरी खस्ता बनती हैं और फूली भी हैं।
- फिर किसी बड़े ढक्कन या गिलास से गोल-गोल मठरी काट लें। आप चाहें तो मन चाहा आकार दे सकती हैं।
- एक कढ़ाही में तेल गर्म करें और तेल गर्म होने दें। जब तेल गर्म हो जाए तो एक-एक करके मठरी कढ़ाही में डालें और दोनों तरफ से सुनहरा होने तक फ्राई कर लें।
- तलते समय आंच को मध्यम रखें ताकि मठरी खस्ता बने और जले नहीं। सुनहरा हो जाने के बाद मठरी को प्लेट में निकाल लें। (क्रिस्पी फरसी पूरी बनाने का तरीका)
- ठंडा करने के बाद किसी डिब्बे में स्टोर करके रख लें और गर्मागर्म चाय के साथ सर्व करें।