ठाणे
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की पुलिस ने एक गणेश पंडाल को नोटिस जारी कर ऐसी किसी भी सामग्री या ऑडियो क्लिप के इस्तेमाल या प्रदर्शन से बचने को कहा है, जिससे कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है। आयोजकों ने यह जानकारी दी।
पिछले साल शिवसेना में विभाजन से संबंधित सजावट को लेकर इस गणेश पंडाल को कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के एक पदाधिकारी के अनुसार, कल्याण में पार्टी नियंत्रित विजय तरुण मंडल की इस साल की थीम -‘‘लोकतंत्र खतरे में है’’ रखी गई है। उन्होंने बताया कि महात्मा फुले चौक पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा।
पिछले साल पुलिस ने शिवसेना में विभाजन को दर्शाने वाली सजावट सामग्री को जब्त कर लिया था और मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस की कार्रवाई को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती देने के बाद मामला सुलझ गया था।
मंडल के खिलाफ पिछले साल की कार्रवाई का जिक्र करते हुए नोटिस में कहा गया है कि ‘‘भड़काऊ’’ या दो समूहों, समुदायों और धर्मों के बीच लड़ाई भड़काने वाली तथा कानून-व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी करने वाली संभावित सजावट सामग्री के इस्तेमाल के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
मंडल का नेतृत्व करने वाले शिवसेना (यूबीटी) की कल्याण इकाई के प्रमुख विजय सालवी ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि गणेश उत्सव आयोजन का यह उनका 60वां साल है और इस साल सजावट में ऑडियो क्लिप भी शामिल किए गए हैं, जिनके जरिये यह संदेश दिया जाएगा कि ‘‘लोकतंत्र खतरे में है।’’
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि उन्होंने दो सप्ताह पहले सजावट से जुड़ी योजनाओं के बारे में पुलिस के साथ विवरण साझा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने इस बार केवल नोटिस दिया है।’’
पुणे के प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ किया
पुणे
महाराष्ट्र के पुणे में प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 से अधिक महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ किया।
‘अथर्वशीर्ष’, संस्कृत में रचित एक लघु उपनिषद है, जो ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट के अनुसार, यह उनके गणेश उत्सव समारोह में अथर्वशीर्ष के वार्षिक पाठ का 36वां वर्ष है।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक कपड़े पहने 31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल के सामने एकत्र हुईं और ‘अथर्वशीर्ष’ का जाप किया।
इस साल पंडाल की थीम अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने दस दिवसीय उत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध पंडाल में विशेष पूजा की।
महाराष्ट्र में इस गणेश उत्सव की शुरुआत 1880 के दशक से हुई। उस समय राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य लोगों ने जनता को संगठित करने के लिये गणेश उत्सव मनाना शुरू किया था।