दिल्लीराज्य

दिल्ली में पलूशन पर SC सख्त कहा जब तक हम नहीं कहेंगे ग्रैप-4 ही लागू रहेगा

नई दिल्ली

दिल्ली-एनसीआर में तेजी बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू करने में देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को उसके आदेश के बिना ग्रैप-4 की पाबंदियां हटाने से भी रोक दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों हुई। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रहा है कि अधिकारी अदालत की इजाजत के बिना ग्रैप के चरण 4 से नीचे नहीं जाएंगे, भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से नीचे चला जाए।

पीटीआई के अनुसार, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 4 के तहत निवारक उपायों के कार्यान्वयन में देरी हुई है।

कोर्ट ने इस देरी को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया और कोर्ट ने दिल्ली सरकार से राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताने को कहा। इस दौरान दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ग्रैप-4 सोमवार से लागू हो गया है और भारी वाहनों को राजधानी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

“जब AQI 300 से 400 के बीच पहुंचता है, तो चरण 4 लागू करना होता है। बेंच ने वकील से कहा, "आप ग्रैप के चरण 4 लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं।"

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि अदालत जानना चाहती है कि उसने प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

बेंच ने कहा, "हम चरण 4 के तहत निवारक उपायों को कम करने की अनुमति नहीं देंगे, भले ही एक्यूआई 450 से नीचे चला जाए। चरण 4 तब तक जारी रहेगा, जब तक अदालत अनुमति नहीं देती।"

इसके साथ ही बेंच ने कहा कि वह दिन के काम के अंत में मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी।

बता दें कि, सीएक्यूएम ने रविवार को ग्रैप-4 के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तहत सख्त पाबंदिया लागू करने घोषणा की थी, जो सोमवार सुबह 8 बजे से प्रभावी होंगे, जिसमें ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण पर अस्थायी रोक शामिल है।

सीएक्यूएम ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) गंभीर हो गई, जो शाम 4 बजे 441 पर पहुंच गई और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण शाम 7 बजे 457 तक जा पहुंची।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर को याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी, क्योंकि उसे बताया गया था कि बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए। कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा संरक्षित प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button