भोपाल
मध्यप्रदेश में इस साल नवंबर की शुरुआत से ही ठंड ने अपनी दस्तक दे दी है। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में ठंड का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है, जहां तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। यह जगह फिलहाल प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान बन गया है। दिन और रात दोनों समय यहां का तापमान काफी ठंडा हो चुका है। पचमढ़ी में ठंड का स्तर इतना अधिक है कि पिछले सात रातों में से छह बार पचमढ़ी प्रदेश का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा, जबकि एक बार अमरकंटक ने भी सबसे ठंडे स्थान का दर्जा हासिल किया। बुधवार और गुरुवार की रात में पचमढ़ी का न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था। इंदौर में न्यूनतम तापमान कल 18.1 डिग्री रहा।
एक्यूआई सुबह से ही खराब
इंदौर में आज सुबह से ही एक्यूआई खराब स्तर पर चल रहा है। 287 का एक्यूआई सुबह 10 बजे ही दर्ज किया गया। शाम तक यह 300 पार चला जाता है। इस बार लगातार एक्यूआई 300 के आसपास ही चल रहा है। यह बेहद खराब स्तर माना जाता है।
15 से और बदलेगा मौसम
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 15 नवंबर के बाद से प्रदेश में ठंड का असर और अधिक बढ़ सकता है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में हवा का रुख बदलने की संभावना है। उत्तर से चलने वाली ठंडी हवाओं का असर प्रदेश में साफ दिखाई देगा। इससे विशेष रूप से ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में ठंड में वृद्धि होने की उम्मीद है।
10 डिग्री के नीचे जाएगा तापमान
प्रदेश के अन्य कई शहरों में भी रात का तापमान तेजी से गिरने का अनुमान है। मंडला, उमरिया, राजगढ़ और गुना जैसे शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। राजधानी भोपाल के साथ शाजापुर, छिंदवाड़ा, शहडोल, बैतूल, टीकमगढ़, मलाजखंड, रायसेन, उज्जैन, नौगांव, खरगोन और रतलाम जैसे शहरों में भी तापमान गिरकर 18 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है। वहीं, गुरुवार को दिन के समय भी पचमढ़ी समेत कई शहरों में तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।
बर्फबारी से बढ़ेगी ठिठुरन
उत्तर भारत में बर्फबारी शुरू होते ही मध्यप्रदेश में ठिठुरन बढ़ने लगती है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार भी नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आने की संभावना है, जिससे ठंड का प्रभाव और गहराएगा। पिछले दस वर्षों में इसी समय पर ठंड बढ़ने का यही ट्रेंड देखा गया है।
मौसम में बदलाव जारी रहेगा
दक्षिण-पश्चिम मानसून के समाप्त होने के बाद मौसम में बदलाव आ जाता है। आसमान में बादल छाए रहते हैं, लेकिन उमस का असर लगभग खत्म हो जाता है। अक्टूबर के बाद से ही रात के तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है। पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के चलते ग्वालियर, चंबल, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर जैसे संभागों में हल्की बारिश भी होती है, जिससे ठंड और बढ़ जाती है। इस दौरान दिन का तापमान 30 डिग्री और रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने की संभावना बनी रहती है। इस तरह, मध्यप्रदेश में इस बार नवंबर के मध्य से लेकर महीने के आखिर तक ठंड का प्रभाव ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। अगर यह मौसम का बदलाव इसी तरह जारी रहा, तो नवंबर के अंत में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है।