रायपुर
गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में दो दिवसीय राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का शानदार आगाज हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे,समिति अध्यक्ष अजय तिवारी सचिव अनिल तिवारी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता भरत खाखरिया समिति उपाध्यक्ष आरके गुप्ता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी सहित राज्य के 12 टीमों के मैनेजर और कोच तथा 100 से अधिक खिलाडिय़ों की विशेष उपस्थिति दर्ज की गई आयोजन में शतरंज के चाणक्य भरत खाखरिया , मुख्य अतिथि प्रमोद दुबे सहित सभी गणमान्य अतिथियों का सम्मान किया गया .
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रमोद दुबे ने खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में शतरंज खेल की शुरूआत होने जा रही है यह खेल अद्भुत है जो बुद्धिमत्ता और चतुराई से खेला जाता है उनका कहना था कि महाविद्यालय न केवल खेल के लिए बल्कि शैक्षणिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है वैसे भी शतरंज का खेल बड़ी शिद्दत के साथ खेला जाता है इस महाविद्यालय की उपलब्धि प्रदेश में ही नहीं देश में काफी तेजी से फैल रही है निरंतर महाविद्यालय विद्यार्थियों को एक प्लेटफार्म प्रदान कर रहा है महाविद्यालय के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर से निकलकर विश्व स्तर पर उपलब्धि दर्ज करने में आगे आने लगे हैं जो एक महत्वपूर्ण बात है।
वहीं आयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अजय तिवारी ने कहा कि यह खेल महाभारत के दौर से खेला जा रहा है इसमें राजा रानी मंत्री घोड़ा सभी की विशेष चतुराई के साथ क्षमता देखने को मिलती है .आयोजन में महासचिव अनिल तिवारी ने कहा कि जीवन के निर्णय में कई बार महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं ऐसे दौर में शतरंज का खेल आपको निर्णय लेने में मदद करता है इसलिए छात्र जीवन में इस खेल की बहुत उपयोगिता रही है वर्ष 1997 में महंत लक्ष्मी नारायण दास ने ऐसे ही एक चतुराई से निर्णय लेकर महाविद्यालय की स्थापना की जो आज शहर की एक प्रतीक बन गई है जबकि प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी का कहना था कि महाविद्यालय निरंतर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने में अग्रणी रहा है ताकि खेल और पढ़ाई के साथ छात्र छात्राएं का सर्वांगीण विकास हो सके इस आयोजन में क्रीड़ा अधिकारी विजय शर्मा प्रेम शंकर प्यारेलाल साहू सहित विभिन्न महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के टीम के मैनेजर कोच और खिलाड़ी की प्रतिभा का मूल्यांकन करने के लिए और प्रतिभा को दिखाने के लिए पहुंचे हुए हैं।