भोपालमध्य प्रदेश

शैक्षणिक वातावरण युक्त नवाचार का केंद्र बनेगा प्रदेश : राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) परमार

जिज्ञासा, संवेदना एवं पहल की भावना – नवाचार के तीन स्तंभ : डॉ सोनम वांगचुक
संस्कृत भवनम में हुआ मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार-2023 वितरण समारोह

भोपाल
स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार समावेशी प्रश्न और उनके समाधान उठते हैं। बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को समझने की आवश्यकता है। बच्चों की रचनात्मकता, समाधानखोजी दृष्टिकोण, वैज्ञानिक सोच और कल्पना शक्ति को व्यवहारिक रूप देने की अवधारणा से मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार योजना का सृजन हुआ है। बच्चों को नवाचार के लिए अवसर और मंच प्रदान करने के लिए यह योजना बनाई गई है। इससे प्रदेश शैक्षणिक वातावरण युक्त नवाचार का केंद्र बनेगा। यह बात स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल स्थित संस्कृत भवनम में मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार-2023 वितरण समारोह में कही। परमार ने कहा कि स्वत्त्व के भाव को जागृत कर परम्परागत हुनर को विज्ञान एवं तकनीक से जोड़कर रोजगारोन्मुखी नवाचार किया जा सकता है लेकिन शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य श्रेष्ठ नागरिक निर्माण हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बच्चों में व्यवहारिक रूप से प्रकृति और संस्कृति के माध्यम से सीखने की प्रवृत्ति विकसित की जायेगी। परमार ने कहा कि नवाचारों के विचारों के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी 53 ईएफए (सबको शिक्षा) स्कूलों में इनक्यूबेशन सेंटर बनाया जायेगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लद्दाख से आए रैमन मैग्सेसे अवार्ड विजेता प्रसिद्ध नवाचारी अभियंता एवं शिक्षा सुधारक डॉ सोनम वांगचुक ने कहा कि नवाचार की तीन स्तंभ हैं-जिज्ञासा, संवेदना एवं पहल की भावना। इन तीन स्तंभों के बिना नवाचार की परिकल्पना संभव नहीं है।

राज्य मंत्री परमार ने नवाचारी विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार-2023 में ग्वालियर संभाग की अंजू यादव ने प्रथम स्थान, सागर संभाग की वर्षा साहू ने द्वितीय स्थान एवं रीवा संभाग के सागर ठाकुरिया ने तृतीय स्थान अर्जित किया। वहीं सागर संभाग की शालिनी आदर्श, उज्जैन संभाग के यशवंत राठौर, रीवा संभाग के पीयूष सेन, चंबल संभाग की दीक्षा राजावत, ग्वालियर संभाग के हरिओम कुशवाह, इंदौर संभाग के कीर्तन यादव, शहडोल संभाग गगन सिंह, भोपाल संभाग की मुस्कान, जबलपुर संभाग के कार्तिक पटले एवं नर्मदापुरम संभाग की राजेश्वरी गायकवाड़ सांत्वना पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना अंतर्गत कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 31 हजार रूपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रूपए एवं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रूपए (प्रत्येक संभाग के लिए कुल दस पुरस्कार) दिए गए। इसके अतिरिक्त बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20% राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी गई।

इस अवसर पर लद्दाख से आई हिमालयीन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव लर्निंग की फाउंडर सुगीतांजलि जे अंगमो, संचालक लोक शिक्षण डी एस कुशवाह, निदेशक राज्य मुक्त विद्यालय बोर्ड प्रभात राज तिवारी, विभागीय अधिकारीगण एवं नवाचारी विद्यार्थी, उनके मेंटर एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे।

शैक्षणिक वातावरण युक्त नवाचार का केंद्र बनेगा प्रदेश : राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) परमार

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button