नईदिल्ली
दिल्ली की सबसे पहले चोरी की जांच में पहले दिन ही पुलिस आपस में लड़ती हुई दिखाई दी। जिला पुलिस उपायुक्त राजेश देव जांच के लिए मौके पर पहुंची अपराध शाखा की टीमों से उलझ पड़े। पुलिस उपायुक्त जनता के सामने ही अपराध शाखा के इंस्पेक्टर को खरी-खोटी सुनाने में लगे रहे। पुलिस उपायुक्त ने अपराध शाखा की टीमों को पूछताछ तक नहीं करने दी। ऐसे में अपराध शाखा की टीमों ने इसकी शिकायत अपने आला अधिकारियों से कर दी। बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात ये मुद्दा गरमाया रहा।
दूसरी तरफ खास बात ये है कि उमराव सिंह ज्वेलर्स के बगल में पुलिस बूथ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसमें पुलिसकर्मी हमेशा रहते हैं। ऐसे में 30 किलो सोना चोरी होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। इधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि अपराध शाखा की सनलाइट कॉलोनी में स्थित टीमें चोरी की जांच के लिए जंगपुरा पहुंचीं थीं। पुलिस उपायुक्त राजेश देव अपराध शाखा के इंस्पेक्टर से लड़ने लगे। वह कहने लगे कि वह उनके जिले में क्यों आए हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस उपायुक्त ने अपराध शाखा की टीमों समेत अन्य जिले व यूनिटों की टीम को मौके पर पूछताछ नहीं करने दी। ये भी बताया जा रहा है कि जिला पुलिस ने पूरे मोहल्ले व गलियों के सीसीटीवी की डीवीआर कब्जे में ले लिए। अपराध शाखा की टीमों समेत किसी भी टीम के पुलिस अधिकारी को सीसीटीवी फुटेज नहीं देखने दी गई। इससे कई टीमें निराश होकर घटनास्थल पर से लौट गईं। हालांकि, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने पुलिस की सभी यूनिटों को सबसे बड़ी चोरी के आरोपियों को पकड़ने में लगा दिया है।
मंदिर से हुई थी तीस लाख की चोरी
स्थानीय लोगों का कहना है कि छह महीने में ये चोरी की तीसरी वारदात है। शोरूम के पास स्थित मंदिर से करीब 30 लाख रुपये की हाल ही में चोरी हुई थी। ये वारदात अभी भी अनसुलझी है। इसके अलावा गली में एक दुकान से भी 20 लाख रुपये की चोरी हो चुकी है। बदमाश बेझिझक होकर वारदात अंजाम दे रहे हैं।