भोपाल.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार युवा मतदाता निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं। संख्या और एकजुटता के आधार पर सत्ता की चाबी युवा वर्ग के हाथों में जा सकती है। शायद यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों का फोकस युवा मतदाताओं पर है।
शिवराज सरकार ने दिया संदेश
शिवराज सरकार ने सीखो कमाओ योजना के जरिए यह बता दिया है कि सरकार इस वर्ग से खुद को जोड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने वाली। वहीं कांग्रेस भी प्रोत्साहन योजना की गारंटी देने की योजना पर काम कर रही है। पार्टी के वचन पत्र में प्रोत्साहन योजना की बात दिख सकती है।
नए मतदाता दोनों प्रमुख दलों के केंद्र में
कांग्रेस के नेता कहते हैं कि बेरोजगारी भत्ता की जगह प्रोत्साहन राशि देने के विकल्प पर काम किया जा रहा है, जिसे वचन पत्र में शामिल किया जाएगा। इस बार नए मतदाता दोनों प्रमुख दलों के केंद्र में हैं। युवाओं को अपने पाले में लाने के लिए राजनीतिक दलों के युवा विंग के कार्यकर्ता स्कूल-कालेजों और हास्टलों के चक्कर काटते देखे जा रहे हैं।
आइए आंकड़ों से समझते हैं युवा मतदाताओं की स्थिति
राज्य में कुल मतदाता- 5.39 करोड़ से अधिक
युवा मतदाता
- 48 लाख 18 से 29 वर्ष
- 18.86 लाख 18 से 19 वर्ष
- 2.83 करोड़ 18 से 39 वर्ष तक
पहली बार के मतदाता
- 12 लाख है संख्या, अभी अंतिम सूची में बढ़ेगा आंकड़ा
- 52 प्रतिशत संख्या है युवा मतदाताओं की
- 91 प्रतिशत जोड़े गए कुल मतदाता में संख्या
पिछले चुनाव में हार गए थे तमाम युवा प्रत्याशी
- 12 प्रत्याशी भाजपा- कांग्रेस ने उतारे थे 30 वर्ष के
- 9 प्रत्याशियों की हुई थी हार
- 3 युवा जीतकर सदन में पहुंचे
- 2 युवा विधायक हैं भाजपा में
- 1 युवा विधायक हैं कांग्रेस में
- 28 वर्ष में भाजपा के शरद जुगल कोल बने थे विधायक
औसत आयु
51 वर्ष है सदन में विधायकों की औसत आयु
2013 में 47 वर्ष थी विधायकों की औसत आयु
सबसे अधिक युवा वोटर
5.06 प्रतिशत मतदाता हैं शमशाबाद सीट पर
सबसे कम युवा वोटर
1.16 प्रतिशत भोपाल मध्य सीट पर