दमोह
दमोह जिला अस्पताल के शव गृह में रखे दो अज्ञात शवों को शाम कलेक्टर मयंक अग्रवाल के आदेश के बाद मुक्ति धाम में दफना दिया गया। यह दोनों शव लावारिस थे और अस्पताल के शव गृह में रखे थे, लेकिन नगर पालिका सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण इन्हें दफनाया नहीं जा सका था। जिससे शवों में कीड़े लग गए थे और उनसे बदबू आने लगी थी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना कलेक्टर को दी। कलेक्टर अग्रवाल के निर्देश पर एसडीम आरएल बागरी के नेतृत्व में शवों का पंचनामा किया गया। कलेक्टर के आदेश पर नगर पालिका के कर्मचारियों ने शाम को इन शवों को दफना दिया। दफनाने की कार्रवाई सोमवार देर शाम तक की गई। बता दें कि पहला अज्ञात शव देहात थाना क्षेत्र आने वाली सागर नाका चौकी के रेलवे ट्रैक पर मिला था। वहीं दूसरा शव जिले के तारादेही थान क्षेत्र में मिला था।
तीसरे शव का किया अंतिम संस्कार
एक तीसरे शव का अंतिम संस्कार अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। बता दें, 13 जून को दमोह के अस्पताल चौराहा स्थित मानस भवन के सामने रह रहा गुलाब चंद्र पिता दयालीराम रैकवार 68 वर्ष जब बीमार हो गया, तो उसे दमोह के युवा प्रकाश गोस्वामी ने मानवीयता का परिचय देते हुए जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था।
जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में इलाज चल रहा था। इस दौरान 1 अक्टूबर की रात्रि में उसकी मौत हो जाने पर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कार्रवाई जिला अस्पताल चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक शुभनारायण यादव द्वारा की गई। इसके बाद दमोह के युवाओं ने ठाना कि क्यों ना इसका अंतिम संस्कार करें। दमोह वन मंडल अधिकारी महेंद्र सिंह उईके और रेंजर दमोह विक्रम चौधरी के निर्देशन में डिपो में पदस्थ वन विभाग अधिकारी अवस्थी द्वारा अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की गई और उसके बाद मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया।