वाशिंगटन
अमरीका को खालिस्तानियों के प्रति सक्रियता से कार्रवाई की जरूरत भारत और कैनेडा के मध्य चल रहे विवाद के विशेष का कहना है कि अमरीकी सुरक्षा एजेंसियों को इस विवाद से सबक लेते हुए अपने देश में खालिस्तान की सक्रियता को लेकर सक्रिय रूप से काम करने जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि कैनेडा अमरीका का विश्वसनीय साथी और पड़ोसी है, लेकिन चीन के साथ किसी भी टकराव की स्थिति में रणनीतिक दोस्त के रूप में उसे भारत की भी जरूरत है।
लिहाजा दोनों देशों के टकराव के मध्य अमरीका भी दुविधा में है कि यह किसका समर्थन करे। आफ अमरीका के फाउंडर और चेयरमैन जे.सी. सिंह ने वाशिंगटन के हडसन इंस्टीटक में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में भारत की सुरक्षा एजेंसियों पर जो आरोप लगाए, उसके संबंध में यह किसी प्रकार का प्रमाण नहीं दे सके। उन्होंने अपने भाषण में विश्वसनीय आरोप शब्द का इस्तेमाल किया, लेकिन इसका उनके पास कोई प्रमाण नहीं था। हम फिल्हाल उनके आरोपों की प्रामाणिकता के लिए सबूतों का इंतजार करेंगे उसके बाद ही इस विषय में किसी प्रकार का फैसला लिया जा सकता है।
अमरीका द्वारा ट्रूडो के आरोपों पर चिंता जताए जाने पर सिंह ने कहा कि वाशिंगटन मैं कई बार वह ज्यादा अहमियत रखता जी नहीं कहा जाता। उन्होंने कहा कि अमरीका इस मामले में खुलकर भारत के विरोध में नहीं आया है और हमें इस बात को भी ध्यान से देखने की जरूरत है। दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ दिनशा faai ने कहा कि अमरीका को कैनेडा और भारत के मध्य चल रहे विवाद के बीच सक्रियता से सामने आने की स्थिति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमरीका को इस विवाद से सबक सीखने की जरूरत है। यदि किसी मुद्दे को लेकर भारत और कैनेडा के रिश्ते बिगड़ रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उसी मुद्दे पर भारत और अमरीका के रिश्ते भी बिगाड़ लिए जाएं।