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बांग्लादेश में चुनाव कराने के बढ़ते दबाव के बीच दुविधा में पड़ी यूनुस सरकार, आवामी लीग पर बैन लगाने की मांग

ढाका
बांग्लादेश में समय से पहले चुनाव कराने के बढ़ते दबाव के बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार चुनावों में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दुविधा में है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इस साल जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह का नेतृत्व करने वाले छात्र नेता अवामी लीग को इस चुनाव में हिस्सा ना लेने देने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी इस तरह के प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं और देश की राजनीति में सभी दलों की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में अवामी लीग की अनुपस्थिति में सबसे बड़ी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी देश में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि चुनाव से पहले सभी राजनीतिक सुधार पूरे किए जाने चाहिए और राजनीति में अवामी लीग की भागीदारी की वैधता पर विचार किया जाना चाहिए। अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि इससे अंतरिम सरकार पर दबाव बना है जो इन मांगों को लेकर दुविधा में है।

इंडिया टुडे ने बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के हवाले से बुधवार को बताया, "अवामी लीग एक राजनीतिक पार्टी है और लोग तय करेंगे कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं।" उन्होंने आगे कहा, " हालांकि जिन लोगों ने देश के नागरिकों की हत्या की और देश के धन को विदेश में लुटने दिया, उन्हें कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।" इस बीच बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया गुरुवार को सशस्त्र सेना दिवस के स्वागत समारोह में भाग लेने वाली हैं। फरवरी 2018 में जेल से जाने के बाद वह पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आएंगी।

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